उत्तर प्रदेश

युवक ने रेप और हत्या के झूठे केस में काटे 12 साल जेल, अब कोर्ट ने किया रिहा

Kunti Dhruw
19 May 2022 2:30 PM GMT
युवक ने रेप और हत्या के झूठे केस में काटे 12 साल जेल, अब कोर्ट ने किया रिहा
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बांदा में दुष्कर्म और हत्या के झूठे केस में सजा काट रहे शख्स को 12 साल बाद न्याय मिल गया. कोर्ट ने उसे निर्दोष साबित कर बाइज्जत बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि मुलायम सिंह बबेरू को दोषी साबित करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस (Banda Police) कोई भी ठोस सबूत पेश नहीं कर सकी. मुलायम के कोर्ट से बरी होने के बाद यह साफ हो गया कि उसे महिला से दुष्कर्म और हत्या (Rape or Murder Case) के फर्जी केस में फंसाया गया था. कोर्ट ने उसे निर्दोष सिद्ध करते हुए जेल की सजा से मुक्त कर दिया. लीगल एंड डिफेंस काउंसिल सिस्टम कमेटी में शामिल वकील मूलचंद कुशवाहा ने कोर्ट में बड़ी ही बेबाकी के साथ मुलायम सिंह बबेरू का पक्ष रखा.

सुनवाई पूरी होने के बाद विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट मोहम्मद कमरुज्जमा खान ने सजा काट रहे शख्स को सोमवार को दोषमुक्त करार दे दिया. न्यायाधीश ने 42 पेज के फैसले में टिप्पणी की है कि पुलिस मामले में मजबूती से अपना पक्ष नहीं रख सकी. 12 वर्ष बाद निर्दोष साबित होने के बाद मुलायम अब व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ कर अपना हक मांगेगा. जेल से रिहा होने के बाद वह अपने चाचा के साथ मध्य प्रदेश के छतरपुर चला गया. वह उत्तर प्रदेश को छोड़कर मध्य प्रदेश में रहेगा.
रेप और हत्या के झूठे केस में मिली रिहाई
बेटे की जेल से रिहाई के लिए पूरा परिवार लेबे समय से इंतजार कर रहा था. पुलिस की कार्रवाई की वजह से होरा गांव के मुलायम सिंह का न सिर्फ बचपन छिन गया, बल्कि उसे जवानी के कई साल भी जेल में बिताने पड़े. गरीबी की वजह से उसकी पढ़ाई तो पहले से ही बंद थी. लेकिन माता-पिता का सहारा बनने की बजाय वह उन पर बोझ बन गया. घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से परिवार उसकी पैरवी भी सहीं करा सका. नाबालिग होने की वजह से पहले वह बाल सुधार गृह में रहा. बालिग होते ही उसे जेल भेज दिया गया. वह बार-बार खुद को निर्दोष कहता रहा, लेकिन उसके साथ खड़ा होने वाला कोई भी नहीं था.
निर्दोष होने के बाद भी 12 साल जेल में बिताए
मध्य प्रदेश के छतरपुर में रहने वाले मुलायम के चाचा रतनलाल उसकी खैर खबर लेते रहे. मुलायम के केस से बरी होने पर रिहाई की सूचना मिलने के बाद घर में उसकी मां,बीमार पिता बच्चा प्रसाद, बड़ा भाई अरविंद, छोटा भाई लवलेस उसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. कोर्ट से निर्देष साबित होने के बाद ये साफ हो गया है कि रेप और हत्या के केस से उसका कोई लेना-देना नहीं था. गरीबी होने की वजह से पुलिस ने उसे हत्यारा बनाकर जेल भेज दिया. बेटे के जेल जाते ही मुलायम के परिवार की करबी 3 बीघा जमीन भी बंजर हो गई. कच्चा मकान भी गिर गया. उसका परिवार झोपड़ी बनाकर अपनी गुजर बसर कर रहा है. बहुत गरीब होने की वजह से वह अपने बेटे की पैरवी भी कोर्ट में नहीं कर सके. न्याय समिति में बेसहारा गरीब मजदूरों की सहायता करने वाले वकील की पैरवी के बाद मुलायम सिंह रेप और हत्या के केस में बाइज्जत बरी हो सका.


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