उत्तर प्रदेश

पुलिस हिरासत में युवक की मौत : पत्नी बोली पति को पीट-पीटकर मार डालने का लगाया आरोप

Rounak Dey
24 Oct 2022 12:00 PM GMT
पुलिस हिरासत में युवक की मौत : पत्नी बोली पति को पीट-पीटकर मार डालने का लगाया आरोप
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कानपुर । बिधनू थाने में पुलिस हिरासत में युवक की मौत का मामला सामने आया है। जहां मामूली विवाद के बाद हिरासत में लिए युवक की थाने में देर रात हालत बिगड़ने पर मौत हो गई। परिजनों को जब सोमवार सुबह घटना की जानकारी हुई तो लोगों ने बिधनू पुलिस पर पीट-पीटकर मार डालने का आरोप लगाते हुए थाने का घेराव करते हुए जमकर हंगामा काटा।

बवाल की आशंका को देखते हुए भारी फोर्स पहुंच गया। एसपी आउटर भी मौके पर पहुंच गए और आक्रोशित लोगों को समाझा बुझाकर शांत कराया। इसके बाद पूरे मामले की जांच के आदेश दिए। फिलहाल परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

रमईपुर निवासी 48 वर्षीय राजेंद्र कठेरिया पुत्र राजाराम एक भट्ठे में ट्रैक्टर ड्राइवर थे। राजेंद्र का रविवार रात पड़ोस में रहने वाले सगे छोटे भाई बबलू से जमीन के विवाद को लेकर मारपीट हो गई थी। इसी दौरान बब्लू की पत्नी संजना ने कंट्रोल रूम में सूचना दे दी। मृतक की पत्नी सुनीता का आरोप है कि पीआरवी राजेंद्र को साथ पीटते हुए अपने साथ बिधनू थाने ले गई थी।

उन्होंने बताया कि रविवार देर रात करीब तीन बजे पुलिस हिरासत में राजेंद्र की तबीयत बिगड़ गई। जिस पर पुलिस ने उसे सीएचसी में भर्ती कराया। हालत नाजुक होने पर राजेंद्र को हैलट अस्पताल रेफर कर दिया। जहां उपचार के दौरान राजेंद्र की मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि पूरी रात पुलिस ने राजेन्द्र के बारे में कुछ नहीं जानकारी दी। केवल टाला मटोली करती रही। जिससे राजेन्द्र की जान चली गई।

राजेन्द्र की पुलिस हिरासत में मौत की जानकारी होने के बाद आक्रोशित परिजन थाना बिधनू पहुंच गए। इसके बाद पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाते हुए परिजनों ने थाने का घेराव करते हुए जमकर हंगामा काटना शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस ने परिजनों को काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन उन लोगों की जमकर झड़पें शुरु हो गई। थाने में बवाल बढ़ा तो सूचना एसपी आउटर को दी गई।

आनन-फानन थाना बिधनू रामस्वरूप सिंह पहुंच गए। उन्होंने हालात को समझा, और आक्रोशित लोगों को काफी मशक्कत के बाद समाझा बुझाकर शांत कराया। राजेंद्र की पत्नी सुनीता ने आरोप लगाए कि पुलिस पिटाई से उनके पति की मौत हो गई है। दोषी पुलिसवालों को सस्पेंड किया जाए। उनके पति की मौत का इंसाफ उन्हें चाहिए।

इस मामले में थाना बिधनू पुलिस की काफी लापरवाही सामने आई हई। राजेंद्र की मौत के बाद पुलिस ने परिजनों को मामले की जानकारी दी। अस्पताल पहुंचे परिजनों ने पुलिस पर बेरहमी से पिटाई करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा शुरू कर दिया।

पत्नी सुनीता का आरोप है कि पुलिस निर्दोष पति को थाने ले गई। बार-बार दीवाली की दुहाई देते हुए छोड़ने की बात कही, लेकिन पुलिस का दिल नहीं पसीजा। घर के बाहर से लाठियां मारते हुए थाने तक ले गए और इतना पीटा की उनकी हवालात में मौत हो गई। परिजनों में पुलिस के प्रति काफी आक्रोश व्याप्त है।

थाना बिधनू के लाकप में राजेन्द्र की हालत बिगड़ने पर परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई। बल्कि शव मौके से हटवा दिया गया। बिधनू थाना प्रभारी योगेश कुमार ने बताया कि दो भाइयों के बीच मारपीट हुई थी, पुलिस ने राजेंद्र की पिटाई नहीं की। तबीयत बिगड़ने पर उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उसकी मौत हो गई थी। वहीं घटना के बाद से राजेन्द्र के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

उन लोगों का कहना है रजत रात में थाने पिता से मिलने गया था। जहां राजेन्द्र ने पुलिस पर काफी पीटने का आरोप लगाया था। राजेन्द्र ने बेटे से पीटने पर सीने में दर्द की भी बात बताई थी। पुलिस ने इसके बाद भी उसे नहीं छोड़ा था। मृतक के भाई संजय और पत्नी सुनीता ने बताया कि पुलिस परिजनों को पहले कार्डियोलाजी बताती रही, इसके बाद हैलट बताया। पुलिस पूरी परिजनों को दौड़ाती रही। सोमवार तड़के पता चला कि राजेन्द्र का शव पोस्टमार्टम में रखा दिया है।

घटना के बाद से मृतक राजेन्द्र की पत्नी सुनीता बच्चों में अनीता, काजल, सोनम, निशा, सन्ना, रजत गोलू का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस के खिलाफ सभी में आक्रोश व्याप्त है। मृतक के आठ भाई हैं। वह दूसरे नंबर का था। राजेन्द्र के भाई मना, संजय, सोनेलाल, शोभित, पंकज, आपू हैं। बब्लू को हिरासत में ले लिया गया है। इस घटना से पूरे गांव में पुलिस के खिलाफ गुस्सा है। वह केवल दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

पुलिस हिरासत में मौत के मामले में पुलिस ने खुद को बचाने के लिए मृतक राजेंद्र के भाई बबलू के खिलाफ ही हत्या की एफआईआर दर्ज की है। मृतक की पत्नी सुनीता ने आरोप लगाया है कि उसने कोई तहरीर नहीं दी है। बिधनू पुलिस ने खुद ही तहरीर लिखकर उनसे जबरन अंगूठा लगवा लिया है। मामले में बिधनू थानेदार और पीआरवी में तैनात पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।

परिजनों का आरोप है कि पिटाई करने वाले पुलिस कर्मियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, मृतक की बेटी ने आरोप लगाया कि पुलिस उनसे इस मामले में लीपापोती करने के लिए छह लाख रुपए देने की बात कह रही है। मामले में घाटमपुर सीओ तेज बहादुर सिंह ने बताया कि दोनो भाइयों के बीच जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद हुआ था। इस पर पीआरवी युवक को थाने लेकर आई थी, जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ी को उसे सीएचसी में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई। परिजनों की तहरीर मिलने के बाद मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

कानपुर कमिश्नरेट का आउटर थाना बिधनू आए दिन किसी न किसी विवाद में रहता है। दशहरा में युवक से मारपीट के मामले में मरणासन्न हुए नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई। इसके 17 दिन बाद उपचार के दौरान युवक की मौत हो गई।

इस मामले में भी परिजन और ग्रामीणों में थाना पुलिस की लचर कार्यप्रणाली और लापरवाही के कारण आक्रोश व्याप्त है। इस मामले को अभी दो दिन ही नहीं हुए थे, कि थाना पुलिस एक बार फिर चर्चा में आ गई। आलाधिकारियों के आगे फिर से पुलिस की किरकिरी हो गई। जमीन के विवाद में थाने ले गए युवक की कस्टडी में मौत हो गई।

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