उत्तर प्रदेश

शांत इलाकों में भी मानकों से ज्यादा शोर झेल रहे आप

Admin Delhi 1
26 April 2023 11:10 AM GMT
शांत इलाकों में भी मानकों से ज्यादा शोर झेल रहे आप
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गाजियाबाद न्यूज़: महानगर में शांत इलाकों में सबसे ज्यादा शोरगुल है. मानकों के लिहाज से दिन और रात में ध्वनि प्रदूषण शांत इलाके में ही सबसे ज्यादा है. यह खुलासा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा शहर के आठ स्थानों पर पूरे साल दिन और रात में ध्वनि प्रदूषण की जांच के बाद हुआ है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वर्ष 2022 का पूरे साल का औसत ध्वनि प्रदूषण का आंकड़ा जारी किया है.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड महानगर में आठ स्थानों पर ध्वनि प्रदूषण की जांच करता है. रिहायशी इलाकों में मॉडल टाउन तथा वसुंधरा सेक्टर-16 शामिल हैं. औद्योगिक इलाके में बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र तथा साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र है. व्यवसायिक इलाके में नया बस अड्डा तथा वैशाली मेट्रो स्टेशन है. जबकि शांत इलाके में एमएमजी अस्पताल तथा वसुंधरा स्थित जयपुरिया स्कूल शामिल है. वर्ष 2021 में रिहायशी इलाकों में ज्यादा शोर दर्ज किया गया था. शांत इलाके में ध्वनि प्रदूषण की बड़ी वजह वाहनों का दबाव है. एमएमजी अस्पताल के आसपास दिन में हर समय वाहनों का दबाव ज्यादा रहता है .

ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख कारण

● शहर में कई मार्गों पर जाम की समस्या होना, औद्योगिक गतिविधियां भी ध्वनि प्रदूषण की बड़ी वजह है

● शांत इलाकों में ध्वनि प्रदूषण की बड़ी वजह वाहनों की आवाजाही या कोई कार्यक्रम होता है

शहर में अधिकांश स्थानों पर ध्वनि प्रदूषण मानकों से नीचे ही है. सिर्फ शांत इलाके में वृद्धि हुई है. इसे कम कराने की दिशा में काम होगा. -उत्सव शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

ध्वनि प्रदूषण का मानक डेसीबेल में है. (नोट दिन का ध्वनि प्रदूषण सुबह 6 बजे से रात दस बजे तक है. रात का ध्वनि प्रदूषण रात 10 बजे से सुबह 6 बजे की अवधि का है)

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