उत्तर प्रदेश

योगी सरकार का उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का दावा हवा हवाई: अखिलेश यादव

Admin Delhi 1
28 Feb 2023 2:37 PM GMT
योगी सरकार का उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का दावा हवा हवाई: अखिलेश यादव
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश को अगले चार साल में एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के योगी सरकार के दावे को हवा हवाई करार देते हुये विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये पेश किया बजट दिशाहीन है जिसमें न तो वर्तमान की समस्यायों का समाधान है और न ही भविष्य की योजनाओं को सुझाव है।

श्री यादव ने मंगलवार को बजट पर चर्चा की शुरूआत करते हुये कहा कि प्रदेश की मौजूदा सरकार का यह सांतवां बजट है लेकिन सबका साथ,सबका विकास और रामराज लाने का दावा करने वाली सरकार यदि प्रदेश को वास्तव में विकास के पथ पर ले जाना चाहती है तो उसे समाजवादी सिद्धांत काे न केवल समझना होगा बल्कि उसका अनुसरण करना होगा।

उन्होने कहा कि 2017 में उनकी सरकार के कार्यकाल में प्रदेश की औसत विकास दर 12.25 फीसदी थी जबकि पिछले पांच छह सालों मे यह घट कर सात से आठ फीसदी के बीच रह गयी है। प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये सरकार को अगले चार साल में 34 फीसदी की विकास दर के लक्ष्य को हासिल करना होगा। सरकार के पिछले छह साल के ट्रैक रिकार्ड को देखते हुये यह हासिल करना नामुमकिन दिखता है। सरकार को यह बताना चाहिये कि 34 फीसदी की विकास दर के लक्ष्य को पाने के लिये उसके पास क्या योजनाये हैं। सरकार अपने बजट में वित्तीय वर्ष 23-24 में विकास दर को 19 फीसदी तक करने का दावा करती है। सरकार बताये कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये उसकी क्या योजनये हैं। प्रदेश को एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार का सहयोग करने के लिये तैयार खडी है।

श्री यादव ने कहा कि हाल ही में हुयी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में 33 लाख करोड़ के करीब 19 हजार एमओयू पर हस्ताक्षर करने का दावा सरकार कर रही है मगर सभी एमओयू अभी हवा में तैर रहे हैं। निवेश हवा में ही हो रहा है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री को उनके सलाहकार भ्रमित कर रहे हैं। सरकार को अपने आर्थिक सलाहकार को बदल देना चाहिये। मुख्यमंत्री को झूठ बताने के लिये एक वित्तीय कंपनी को आंकड़ों की बाजीगरी के लिये 200 करोड़ रूपये दिये जा रहे हैं। वित्तीय प्रबंधन के लिये सदियो से बनी संस्थाओं को धक्का मार कर सरकार ने डेलायट के साथ 200 करोड़ रूपये का करार किया।

उन्होने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गरीबी के मामले में यूपी देश के 28 राज्यों की सूची में नीचे से चौथी पायदान पर है। भुखमरी समाप्त करने के मामले में नीचे से पांचवे स्थान पर है। यही हाल शिक्षा,बुनियादी ढांचे समेत अन्य क्षेत्रों में हैं।

श्री यादव ने कहा कि सरकार ने नौजवानो और किसानों समेत समाज के हर जरूरतमंद वर्ग को निराश किया है। सरकार दावा करती है कि बेरोजगारी दर घटकर 4.2 फीसदी रह गयी है। इसका मतलब है कि प्रदेश में 90 फीसदी से अधिक युवाओं के पास रोजगार है जो सरासर गलत है। सरकार बेरोजगारी दर बताने की बजाय यह बताये कि प्रदेश में रोजगार पाने वालों का प्रतिशत कितना है। वास्तविकता यह है कि पिछली सरकार के कार्यकाल की तुलना में आज रोजगार दर में भी गिरावट हुयी है। युवाओं में इतनी नाउम्मीदी पहले कभी नहीं देखी गयी। सेना भर्ती अभियान अग्निवीर का विरोध करते हुये उन्होने कहा कि सरहद की रक्षा के लिये भेजे जाने वाले नौजवान को स्थाई रूप से नियुक्त करना चाहिये।

ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का मखौल उडाते हुये उन्होने कहा कि समिट मे देश विदेश के उद्योगपति को आमंत्रण दिया गया। इनमे से कई ऐसे थे जो दूसरी इंवेस्टर्स समिट में आये थे मगर फिर भी इंवेस्टर्स कम पड़े गये जिसके चलते फूड कूपन उन लोगों को भी बांटे गये जो कोट टाई पहन कर आये थे। समिट में सर्वाधिक रोजगार मुहैया कराने वाले एमएसएमई सेक्टर की उपेक्षा की गयी। एमएसएमई सेक्टर को बैंक फाइनेंस करने से कतराते हैं।

निवेश के लिये सबसे बेहतर कृषि क्षेत्र की उपेक्षा की जा रही है। किसानो को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं दिया जा रहा है। आलू किसान मुश्किलों में है। सरकार ने बजट में कृषि उपजो की खरीद के लिये एक हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया है मगर सरकार बताये कि उसने आलू पट्टी से कितनी खरीद की। आलू की कीमत किसानो का नही दे पा रहे हैं।

उन्होने कहा कि सरकार ने एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना का खूब प्रचार किया। हर जिले को उसके परंपरागत उद्योग के लिये चिन्हित किया गया मगर काम नहीं हुआ। आगरा का चर्म उद्योग हो या अलीगढ का ताला उद्योग, औरैया में देशी घी, बलरामपुर फूड प्रोसेसिंग, भदोही में कालीन उद्योग सब संकट में है। भदोही के कालीन उद्योग के लिये सपा सरकार के कार्यकाल में जो बुनियादी ढांचा तैयार किया गया था,आज भी वही है। खुशबू से तो इस सरकार को नफरत है। कन्नौज के जिस कारोबारी के प्रतिष्ठान पर छापा डाला गया वह गलती से भाजपा का ही आदमी निकल आया। यह वास्तव में डिजिटल इंडिया की गलती थी। कंप्यूटर ने एक ही नाम के दो शख्सों में गलती कर दी। जहां छापा मारना था वहां नही मार पाये और खीझ मिटाने के लिये फिर से छापा मारा। यह छापामार सरकार है। यह काम भाजपा ने कांग्रेस से अच्छा सीखा है। कांग्रेस भी छापा मारती थी।

वर्ष 2012 से 2017 के बीच रही अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुये श्री यादव ने कहा कि उनकी सरकार ने मेट्रो रेल और एक्सप्रेसवेज के लिये सबसे ज्यादा काम किया जबकि मौजूदा सरकार ने सिर्फ उन योजनाओं को अपना नाम दिया है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के यूपी की सडकों पर दिये गये बयान का जिक्र करते हुये उन्होने कि सपा का भी मानना है कि रफ्तार को दाेगुना करके अर्थव्यवस्था को तीन गुना किया जा सकता है मगर इसके लिये यह जानना जरूरी है कि आपका एक्सप्रेसवे कैसा बना है। क्या उस माडल पर निश्चित अवधि में गंगा एक्सप्रेसवे बन जायेगा। इसमे अभी संशय है।

उन्होने कहा कि लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) का पिछला बजट 27 हजार 470 करोड़ का था जिसमें महज सात हजार 570 करोड खर्च किये जा सके। सपा ने नोएडा में एलीवेटेड सडक बनायी। दिल्ली को नोएडा से जोडने वाली मेट्रो समाजवादियों ने दी। सिंगल पेयर सिक्स लेन सडक देश में सिर्फ समाजवादी सरकार बना सकी। मुख्यमंत्री बतायें कि अगर अपने छह साल के कार्यकाल में उन्होने ऐसी एक भी सडक बनायी हो। देवबंद-सहारनपुर, बरेली-बदायूं, बरेली- उत्तराखंड, लखनऊ शाहजहांपुर, एटा से मैनपुरी इटावा तक,बहराइच-श्रावस्ती,रामनगर-गोंडा समेत कई दो इलाकों को जोडने वाली फोर लेन सडकों का निर्माण सपा सरकार के कार्यकाल में किया गया और यह सब स्टेट बजट के हेड से किया गया। मौजूदा सरकार बताये कि उसने स्टेट हेड बजट से एक भी फोर लेन बनायी हो।

श्री यादव ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश को जो भरपूर बिजली मिल रही है, वह भी उनकी सरकार के कार्यकाल में तैयार की गयी बिजली परियोजनाओं की देन है। भाजपा बताये कि कौन सा ऐसा बिजलीघर है जिसका शिलान्यास करके उदघाटन कर दिया हो। लखनऊ स्थित पुलिस हेडक्वार्टर सपा सरकार ने बनाया था। सपा सरकार ने डायल 100 डिजाइन किया जबकि मौजूदा सरकार ने इसका नाम बदल कर डायल 112 कर दिया।

उन्होने कहा कि प्रसिद्ध कवि उदय प्रताप सिंह की सलाह पर उन्होने अपनी सरकार के कार्यकाल में तैयार किये गये मुख्यमंत्री सचिवालय का नाम ‘लोकभवन’ रखा था जो आज प्रदेश का गौरव है। मौजूदा सरकार ने वहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा की स्थापना की। इसमें सपा को कोई ऐतराज नहीं है मगर अच्छा होता कि पूर्व पीएम के नाम पर प्रदेश में कोई विश्वविद्यालय का निर्माण कर देते।

श्री यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री को पेडो से कोई लगाव नहीं है मगर गमलों से है। इवेस्टर्स मीट के दौरान गमलों में लगाये फूल मुरझा गये है और बडी संख्या में गमले चोरी भी हो चुके है वहीं मुख्यमंत्री आवास समेत राजधानी के कई स्थानों पर लगे पेड खुशबू बिखेर रहे हैं। समाजवादी सरकार ने जनेश्वर मिश्र पार्क और लोहिया पार्क की स्थापना की।

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