उत्तर प्रदेश

यूपी स्वास्थ्य विभाग तबादला धांधली में योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, तत्कालीन डीजी समेत पांच के खिलाफ जांच के आदेश

Renuka Sahu
31 July 2022 2:30 AM GMT
Yogi governments big action in UP Health Department transfer rigging, orders for investigation against five including the then DG
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फाइल फोटो 

यूपी स्वास्थ्य विभाग तबादला धांधली में पांच वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ शासन स्तर से आरोप तय किए गए हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूपी स्वास्थ्य विभाग तबादला धांधली में पांच वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ शासन स्तर से आरोप तय किए गए हैं। इन आरोपों की जांच के लिए जांच अधिकारी नामित करते हुए जांच करने के आदेश दे दिए गए हैं। वहीं निदेशक पैरामेडिकल से सात दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है। जांच में आरोप सही पाए जाने पर शासन स्तर से इनके खिलाफ कार्रवाई तय की जाएगी।

निदेशक पैरामेडिकल डा. निरुपमा दीक्षित, तत्कालीन महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं डा. वेदव्रत सिंह तथा संयुक्त निदेशक (कार्मिक) डा. सुधीर कुमार यादव, डा. राजकुमार और डा. बीकेएस दीक्षित पर शासन ने स्थानांतरण नीति का उल्लंघन करते हुए तबादले करने और पदीय दायित्वों का सही से नि‌र्वहन नहीं करने का आरोप तय किया है।
डाॅ. निरुपमा से सात दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया
निदेशक पैरामेडिकल डा. निरुपमा दीक्षित पर आरोप है कि इन्होंने फार्मासिस्ट संवर्ग में 6626 कार्यरत कार्मिकों में से 624 का तबादला निजी अनुरोध पर किया है। यह संख्या कुल तबादले का 48 फीसदी है, जबकि नीतिगत आधार पर 52 फीसदी तबादले किए गए हैं। ईसीजी टेक्निशियन के कुल 105 कार्मिकों में से 48 का तबादला किया है, जो कि करीब 46 फीसदी है। प्रयोगशाला प्राविधिक संवर्ग में 2067 कार्यरत कार्मिकों में से 213 का तबादला किया है जो निर्धारित दस फीसदी की सीमा से अधिक है। इसके अलावा एक्सरे टेक्नीशियन संवर्ग में 909 कार्यरत कार्मिकों में से 93 का तबादला किया है यह भी दस फीसदी की सीमा से अधिक है। डा. निरुपमा पर शासकीय कर्तव्यों तथा पदीय दायित्वों के प्रति लापरवाही तथा तथा शासन के आदेशों की अवहेलना का आरोप लगाया गया है। इसके लिए डा. निरुपमा प्रथम दृष्टया दोषी ठहराई गई हैं। उनसे सात दिनों के अंदर इस पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण नहीं दिए जाने की स्थिति में गुण दोष के आधार पर शासन द्वारा इनके खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई के लिए निर्णय लिया जाएगा।
सचिव करेंगे तत्कालीन महानिदेशक पर लगे आरोपों की जांच
तत्कालीन महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं डा. वेदव्रत सिंह- इन पर महानिदेशालय स्तर पर लेवल-एक चिकित्साधिकारियों, फार्मासिस्ट संवर्ग, ईसीजी टेक्नीशियन, प्रयोगशाला प्राविधिज्ञ तथा अन्य संवर्ग के कार्मिकों एवं प्रयोगशाला सहायक संवर्ग के कार्मिकों की बड़ी संख्या में किए गए तबादले में अपने पदीय दायित्वों का पूरी तरह निर्वहन नहीं करने का आरोप है। जिसकी वजह से निजी अनुरोध तथा स्थानांतरण नीति के तहत किए गए स्थानांतरण में स्थानांतरण नीति का उल्लंघन हुआ है। इनके खिलाफ सीएसआर के अनुच्छेद 351ए के तहत विभागीय कार्यवाही संस्थित की गई है। इन पर लगे आरोपों की जांच के लिए सचिव चिकित्सा अनुभाग सात चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को जांच अधिकारी बनाया गया है।
स्थानांतरण समिति के तीन सदस्यों के खिलाफ भी जांच के आदेश
संयुक्त निदेशक (कार्मिक) डा. सुधीर कुमार यादव, डा. राजकुमार तथा डा. बीकेएस चौहान- इन तीनों अधिकारी महानिदेशालय स्तर से लेवल-एक के चिकित्साधिकारियों के स्थानांतरण के लिए गठित समिति के सदस्य थे। इन पर आरोप है कि इन्होंने सदस्य के रूप में अपने दायित्वों का पूर्ण रूप से निर्वहन नहीं किया। जिसकी वजह से लेवल-एक के साथ ही लेवल-दो और तीन के चिकित्साधिकारियों का स्थानांतरण भी महानिदेशालय स्तर से हो गया। इन आरोपों इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही संस्थित की गई है। इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही में लगे आरोपों की जांच अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण बस्ती मंडल को जांच अधिकारी बनाया गया है।
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