उत्तर प्रदेश

योगी सरकार ने लिया एक बड़ा फैसला, अब कृषि कार्य के लिए ही पंजीकृत होंगी ट्रॉलियां, कॉमर्शियल प्रयोग पर होगी पाबंदी

Admin4
18 Oct 2022 9:13 AM GMT
योगी सरकार ने लिया एक बड़ा फैसला, अब कृषि कार्य के लिए ही पंजीकृत होंगी ट्रॉलियां, कॉमर्शियल प्रयोग पर होगी पाबंदी
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लखनऊः उत्तर प्रदेश में ट्रैक्टर-ट्रॉली से होने वालें हादसों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। आए दिन ट्रैक्टर-ट्रॉली से होने वाली घटनाओं की खबरें सामने आती रहती है। इन हादसों को रोकने के लिए योगी सरकार कोशिश कर रही है। जिसके चलते सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है कि, अब ट्रॉलियां का पंजीकृत सिर्फ कृषि कार्य के लिए ही होगा। इसके साथ ही सरकार का यह फैसला है कि ट्रॉलियां का इस्तेमाल किसी और कार्या के लिए नहीं किया जाएगा। वहीं, ट्रॉलियां के पंजीकृत के लिए सरकार की अनुमति लेनी जरूरी है।

बता दें कि राज्य में यूपी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब ट्रॉलियों का पंजीकरण सिर्फ कृषि कार्य के लिए ही होगा। व्यावसायिक श्रेणी में यह पंजीकृत नहीं होंगा। ट्रॉलियों का इंश्योरेंस कराना होगा और निर्माता को आईआईटी जैसे तकनीकी संस्थान से डबल एक्सेल यानी चार पहियों की ट्रॉली की डिजाइन की अनुमति लेनी होगी। इसके बाद ही वह चार पहियों की ट्रॉली बना सकेगा। दो पहियों की ट्रॉली न बनेगी और न ही पंजीकृत की जाएंगी।

रिपोर्ट पर मुहर लगते ही नियमावली को किया जाएगा लागू

यूपी में पिछले कुछ दिनों से लखनऊ के इटौंजा क्षेत्र, कानपुर और लखीमपुर में हुए हादसों में काफी लोगों की जान गई थी। इनमें दो पहिया ट्रॉली शामिल थी। ऐसे हादसों पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एक समिति गठित की गई थी। अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) वीके सोनकिया ने बताया कि रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए एक बैठक हो चुकी है। रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। इस पर मुहर लगते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।

ट्रॉली के पंजीकृत IIT से भी लेनी होगी अनुमति

प्रदेश में ट्रॉलियां बनाने वाली करीब 30 कंपनियां हैं। यह एआरएआई, पुणे से डिजाइन का अप्रूवल लेती हैं। अब इन्हें आईआईटी जैसे तकनीकी संस्थान से भी डिजाइन की अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा ट्रैक्टर के साथ ट्रॉली का भी इंश्योरेंस कराने पर जोर दिया जाएगा।

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