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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बलरामपुर स्थित शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर पहुंचकर विधिवत पूजन अर्चन किया। इस दौरान उन्होंने पांच दिनों से चल रहे विशेष अनुष्ठान का समापन किया। इसके उपरान्त शारदीय नवरात्र को लेकर सीएम योगी ने अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने कहा कि शक्तिपीठ देवी पाटन मंदिर की सुरक्षा अभेद्य होनी चाहिए। भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित शक्तिपीठ सुरक्षा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। ऐसे में अधिकारी शक्तिपीठ की सुरक्षा में कोई कोताही न बरतें। सीएम योगी ने कहा कि शारदीय नवरात्र पर शक्तिपीठ पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। अगर कोई अव्यवस्था की शिकायत मिली तो जिले के आला अधिकारी इसके जिम्मेदार होंगे।
शुक्रवार की सुबह 10:55 बजे सीएम योगी का हेलीकॉप्टर तुलसीपुर के मां पाटेश्वरी पब्लिक स्कूल में बने हेलीपैड पर उतरा। यहां पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने उनका स्वागत किया, जिसके बाद उनका काफिला शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर के लिए रवाना हो गया। शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर सीएम योगी का गोरखपुर के बाद दूसरा निवास स्थान माना जाता है। लिहाजा सीएम योगी मंदिर पर पहुंचते ही गर्भगृह में जाकर आदि शक्ति मां पाटेश्वरी देवी का विधिवत पूजन अर्चन किया। इसके बाद सीएम योगी मंदिर के विश्राम गृह में गए। वहां पर गोरखपुर से आए आचार्यों द्वारा पांच दिवसीय विशेष अनुष्ठान किया गया था। सीएम योगी ने हवन कर अनुष्ठान का समापन कराया। इसके बाद सीएम योगी ने शारदीय नवरात्र को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक मेंसीएम ने कहा कि सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन इस बात का ध्यान रखे कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न होने पाए। अगर इसकी शिकायत मिली तो कोई भी बक्सा नहीं जाएगा। कहा कि शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है। डीएम और एसपी मंदिर की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करें।
सीएम बोले-नए सार्वजनिक स्थलों पर न रखी जाएं दुर्गा प्रतिमाएं
सीएम योगी ने अधिकारियों के बैठक में सख्त निर्देश दिया कि किसी भी नए सार्वजनिक स्थल पर दुर्गा प्रतिमाएं न रखी जाएं। जो लोग शारदीय नवरात्र पर दुर्गा प्रतिमाए रखना चाहते हैं वे अपने घरों अथवा जमीनों पर रखें। जिससे विवाद की स्थिति न पैदा होने पाए। सीएम योगी ने कहा कि जहां पर परम्परागत तरीके शारदीय नवरात्र पर दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना की जा रही है, वहां पर किसी को असुविधा नहीं होनी चाहिए। इसके लिए अधिकारी तैयार रहें। सीएम योगी ने कहा कि नवरात्र का पर्व बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। अराजकतत्वों पर कड़ी नजर रखी जाए। देवीपाटन मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए समुचित प्रबंध किया जाए। किसी श्रद्धालु को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए।
बाढ़ एवं सूखा प्रबंधन कार्यों का सीएम योगी ने की समीक्षा
जिले के दौरे पर आए सीएम योगी ने बाढ़ एवं सूखा प्रबंधन कार्यों की समीक्षा की। सीएम ने कहा कि सितंबर माह में भी बाढ़ आने की सम्भावना रहती है। ऐसे में अधिकारी अलर्ट रहें। जिलाधिकारी डा. महेन्द्र कुमार ने सीएम को अवगत कराया कि जिले में बाढ़ की स्थिति नहीं है। राप्ती नदी का जल स्तर चेतावनी बिन्दु से नीचे है। वर्षा न होने के कारण सूखे की स्थिति बन रही है। इस पर सीएम ने कहा कि दोनों स्थितियों का सही ऑकलन कर अधिकारी शासन को सही रिपोर्ट भेजें। बाढ़ की शतत निगरानी कराई जाए तथा बाढ़ चौकियों को सक्रिय रखा जाए। नावों की पर्याप्त व्यवस्था करने के साथ स्वास्थ्य केन्द्रों पर सर्पदंश में उपयोग होने वाले इंजेक्शन की पर्याप्त उपलब्धत कराई जाए। सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर प्रबंधन के लिए हेल्थ एटीएम लगाया जाए।
गणेश पूजा में श्रद्धालुओं को न होने पाए कठिनाई
सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस समय गणेश पूजा उत्सव चल रहा है। इसे लेकर भी जिला प्रशासन सतर्क रहे। किसी भी पूजा पंडाल में अव्यवस्था न होने पाए। पूजा पाठ करने में भी श्रद्धालुओं को किसी कठिनाई का सामाना न करना पड़े। इस बात का ध्यान रखा जाए कि पूजा पंडाल की वजह से किसी भी सड़क पर यातायात बाधित न होने पाए। डीएम और एसपी त्योहारों को लेकर सतर्क रहें।
सीमावर्ती क्षेत्रों में की जाए कड़ी निगरानी
सीएम योगी ने तुलसीपुर में अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कहा कि बलरामपुर जनपद भारत नेपाल सीमावर्ती जिला है। यहां पर सुरक्षा की दृष्टि से विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। सीएम ने कहा कि नेपाल सीमा से सटे क्षेत्रों की बराबर व कड़ी निगरानी कराई जाए। जिससे सुरक्षा में कोई चूक न होने पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि थारू बाहुल्य क्षेत्रों के लोगों को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। थारू बाहुल्य क्षेत्रों के स्कूलों व गांवों में विद्युतीकरण व पहुंच मार्ग ठीक कराया जाए। साथ ही थारू जनजाति के लोगों का लघु एवं कुटीर उद्योग के माध्यम से आर्थिक विकास किया जाए।