उत्तर प्रदेश

यूपी के 40 जिलों में येलो अलर्ट, प्रदेश में अगले 4 दिन झमाझम बारिश की संभावना

Renuka Sahu
14 Aug 2022 1:34 AM GMT
Yellow alert in 40 districts of UP, chances of rain in the next 4 days in the state
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फाइल फोटो 

भारत मौसम विज्ञान विभाग के बुलेटिन में शनिवार को कहा गया कि यूपी में दिन के दौरान आसमान में सामान्य तौर पर बादल छाए रहने या कई इलाकों में बूंदाबांदी तो कई में भारी बारिश होने की संभावना है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के बुलेटिन में शनिवार को कहा गया कि यूपी में दिन के दौरान आसमान में सामान्य तौर पर बादल छाए रहने या कई इलाकों में बूंदाबांदी तो कई में भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार यूपी में अगले चार दिन झमाझम बारिश होगी जिससे गर्मी और उमस से राहत मिल सकती है। वहीं 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी मौसम सुहाना रहेगा और भारी बारिश देखने को मिल सकती है। अगले चार दिन यूपी में बादल जमकर बरस सकते हैं।

आईएमडी बुलेटिन में कहा गया है कि न्यूनतम तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है। वहीं लगभग 40 जिलों में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया जा रहा है। कहा गया है कि राज्य में 17 अगस्त तक मॉनसून एक्टिव रहेगा। कुछ इलाकों के लिए बिजली गिरने की संभावना और कुछ में बारिश के साथ तूफान का भी अलर्ट जारी किया गया।
राजधानी लखनऊ समेत कानपुर, बहराइच, झांसी, बलिया, गोरखपुर, इटावा, वाराणसी, प्रयागराज, मैनपुरी, एटा, अमरोहा, संतकबीरनगर, मेरठ, आगरा, औरैया, मथुरा, अलीगढ़, बरेली, कौशांबी समेत एनसीआर में शामिल गाजियाबाद और नोएडा में भी भारी बारिश की चेतावनी है। इस साल समय से आए मानसून से अच्छी बारिश की आस थी। मगर पूर्वोत्तर से पूर्वांचल की तरफ बढ़ते मानसून दक्षिण की तरफ भटक गया। मानसून द्रोणिका या ट्रफ के भटकने से बिहार और उत्तर प्रदेश में बरसने वाला पानी मध्य प्रदेश और दक्षिण भारत के साथ गुजरात और राजस्थान को भिगो रहा है।
केरल और ओडिशा के तटों से मैदानी क्षेत्र की तरफ बढ़ते हुए मानसून का एक रास्ता माना जाता है। इस काल्पनिक लाइन को मानसून द्रोणिका या ट्रफ कहते हैं। हालांकि इस साल मानसूनी बादल अपनी इस रेखा के बजाए दक्षिण दिशा की तरफ होकर बढ़ रहे हैं। गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण के राज्यों में उम्मीद से ज्यादा बारिश इसी का कारण है।
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