उत्तर प्रदेश

बांस से बनी राखियों से सजेंगी भाइयों की कलाई

Kajal Dubey
26 July 2022 2:58 PM GMT
बांस से बनी राखियों से सजेंगी भाइयों की कलाई
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इस रक्षाबंधन पर भाइयों की कलाई पर जिले में ही बनी बांस की राखियां भी सजेंगी। वन विभाग की पहल पर कैंपियरगंज के लक्ष्मीपुर में स्थापित सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) से संबद्ध स्वयंसेवी समूह की महिलाएं इसे तैयार कर रही हैं।
वन विभाग ने एक लाख रुपये कीमत की राखियां तैयार करने का लक्ष्य दिया है। इन राखियों को बिक्री के लिए चिड़ियाघर के नेशनल बंबू मिशन के स्टाल पर रखा जाएगा। साथ ही 29 जुलाई को विश्व बाघ दिवस के मौके पर गुरु गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित इंटरनेशनल सेमिनार में भी इसकी प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
डीएफओ विकास यादव के मुताबिक महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना केंद्र व प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इसके लिए सरकार कई तरह के कार्यक्रमों व योजनाओं से महिलाओं को जोड़ रही है। ऐसी ही एक योजना नेशनल बम्बू मिशन भी है।
यह मिशन ग्रामीण महिलाओं को बांस के उत्पाद बनाने के कार्य से जोड़कर उन्हें रोजगार का मंच उपलब्ध करा रहा है। इसी मिशन के तहत लक्ष्मीपुर में सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) की स्थापना की गई है। यहां महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें बांस के खिलौने, उपहार, आभूषण आदि बनाने में दक्ष किया गया है।
राखी बना रही स्वयं सहायता समूह की बिंदु, राजमती, झिनकी, मीना, मीरा, शीला, संजू और अंजू का कहना है कि राखियों की डिजाइन उनकी खुद की है। इसके लिए उन्होंने पहले मोबाइल पर राखियों की डिजाइन देखी फिर उनसे मदद लेकर अपनी 10 से अधिक डिजाइन तैयार की।
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