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गाजियाबाद न्यूज़: एमएमजी परिसर स्थित टीबी अस्पताल में रात महिला मरीज के बराबर वाले बेड पर पुरुष कर्मचारी सो गया. गंभीर बात यह रही कि रात्रि नर्सिंग स्टाफ ने भी गंभीर बीमारी से ग्रस्त महिला मरीज के बराबर में उसे सोने से नहीं रोका. एमडीआर मरीज से दूसरे व्यक्ति में भी संक्रमण फैलने का खतरा रहता है.
जिला क्षय रोग अस्पताल में एमडीआर मरीज भर्ती किए जाते हैं. सामान्य टीबी मरीजों को केवल दवा देकर भेज दिया जाता है. इसी कड़ी में अस्पताल में 60 वर्षीय महिला को गंभीर बीमारी की वजह से भर्ती किया गया था. अस्पताल में पीछे की तरफ महिला वार्ड के पीछे ही पुरुष वार्ड बना है. महिला को आगे की तरफ भर्ती कर लिया गया. लेकिन महिला के बराबर वाले बेड पर एक पुरुष सो गया. अस्पताल में इस दौरान एक नर्सिंग स्टाफ और एक आया की ड्यूटी थी. उन्होंने पूछने पर बताया कि मरीज के पास स्टाफ लेट गया है. लेकिन महिला मरीज के पास पुरुष के सोने पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
अस्पताल में महिला मरीज के साथ बेटा तीमारदार के रूप में रुका था. स्टाफ ने संक्रमण की बात बताकर महिला के साथ रुकने से रोका था. लेकिन इसके बाद भी वह महिला के बराबर वाले बेड पर सो गया. -डा. डीएम सक्सेना, जिला क्षय रोग अधिकारी
सुरक्षा पर उठे सवाल
अस्पताल में रात्रि सेवा में किसी गार्ड की तैनाती नहीं रहती है. कैंपस में अंधेरा बना रहता है. जबकि महिला स्टाफ भी अपने को सुरक्षित महसूस नहीं करती है. ऐसे में महिला वार्ड में पुरुष की उपस्थिति सुरक्षा पर सवाल खड़े करती हैं.