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नोएडा न्यूज़: जिला अस्पताल की शिफ्टंग अटकने से ट्रॉमा सेंटर के काम की प्रक्रिया रुक गई है. यह प्रक्रिया तीन महीने के बाद ही शुरू होने की उम्मीद है. सेक्टर-30 के पुराने जिला अस्पताल के भवन में जिले का पहला सरकारी ट्रॉमा सेंटर बनना प्रस्तावित है. इसके लिए एम्स के विशेषज्ञों की टीम जायजा ले चुकी है.
सेक्टर-30 के बाल चिकित्सालय परिसर में चल रहे पुराने जिला अस्पताल में ही 50 बेड का ट्रॉमा सेंटर बनना है. सेक्टर-30 के जिला अस्पताल को सेक्टर-39 स्थित नए भवन में शिफ्ट होना है, लेकिन नया बिजली कनेक्शन न होने से शिफ्टिंग अटकी है. बिजली कनेक्शन के लिए शासन से पहली किस्त की 4.5 करोड़ की राशि मिली है. इसका काम जल्द ही शुरू होगा. नए बिजली कनेक्शन के काम में कम से कम दो महीने का समय लगेगा, जिसके बाद जिला अस्पताल शिफ्ट होगा. शिफ्टिंग के बाद पुराना भवन बाल चिकित्सालय प्रबंधन को हैंडओवर किया जाएगा.
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेंद्र कुमार ने बताया कि शिफ्टिंग के बाद बाल चिकित्सालय प्रबंधन को भवन हैंडओवर कर दिया जाएगा. बाल चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आकाश राज ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर शुरू करने के लिए शासन स्तर पर प्रक्रिया चल रही है.
एक महीने में नोएडा से सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल 60-70 मरीजों को दिल्ली के सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है. दिल्ली के अस्पतालों में पहुंचने में मरीज को 30-40 मिनट का समय लग जाता है. यह समय उसके इलाज के लिए काफी अहम होता है. ऐसे में नोएडा में ट्रॉमा सेंटर बनने के बाद यहीं इलाज हो सकेगा.