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महिला आयोग की सदस्य पहुंची पीड़िता के गांव: अनुसूचित जाति की बालिका से हुआ था सामूहिक दुराचार
सिटी न्यूज़: पहाड़ी थाना क्षेत्र के एक गांव में 13 साल की बालिका से हुए सामूहिक दुराचार और मौत मामले का संज्ञान लेकर शुक्रवार को राज्य महिला आयोग की सदस्य प्रभा गुप्ता बच्ची के माता-पिता से मिलीं। उनको हर संभव मदद और न्याय का भरोसा दिया। यह भी वादा किया कि दोषियों को कड़ी से सजा मिलेगी और बच्ची के परिजनों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।।
क्या थी पूरी घटना जाने: गौरतलब है कि 1 जून की रात अनुसूचित जाति परिवार की 13 वर्षीया बालिका घर से गायब हो गई थी। पिता ने बताया था कि बाद में वह घर से कुछ दूरी पर नाले के पास नीमबेहोशी की हालत में मिली थी। उसने होश आने पर दो युवकों का नाम लिया था, जो पास ही लगे पीडब्लूडी के एक प्लांट में काम करते हैं। इनमें एक दूसरे समुदाय का युवक है। पिता ने बताया था कि पुत्री ने बताया था कि ये लोग उसको मुंह में कपड़ा ठूंसकर जबर्दस्ती ले गए थे। दोनों ने उसके साथ दुराचार किया। ग्रामीण ने बताया कि जब वे लोग उसे लेकर थाने जा रहे थे तो रास्ते में गांव निवासी एक अन्य युवक मिला और थाने जाने से रोका। उसने बेटी की बदनामी का भय दिखाया और जबर्दस्ती अपने वाहन में बैठाकर मंझनपुर (कौशांबी) के जीवनदायिनी अस्पताल ले जाकर उसकी पुत्री को भर्ती करा दिया, जहां कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। ग्रामीण का आरोप है कि इस युवक ने न तो उन लोगों को पुत्री से मिलने दिया और न थाने में सूचना देने दी, जिससे उसके बयान हो सकें। ग्रामीण ने तीनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
जिले में रहा गरमा गरम माहौल: इस घटना को लेकर जिले में कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्षी दलों ने काफी होहल्ला मचाया था और व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाए थे। बाद में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया था। शुक्रवार राज्य महिला आयोग की सदस्य प्रभा गुप्ता ने गांव जाकर पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात की और ढांढस दिया। बाद में उन्होंने कोतवाली में महिला हेल्प डेस्क का निरीक्षण किया। डेस्क में कार्यरत महिला को कंप्यूटर की जानकारी न होने की बात सामने आने और इस वजह से कई केसों के दर्ज न होने से उन्होंने उस कर्मी को हटाकर कंप्यूटर कार्य में दक्ष महिला कर्मी को रखने के निर्देश दिए।