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बेटे की चाहत में गई महिला की जान, डॉक्टर पर केस दर्ज
गोरखपुर न्यूज़: लिंग परिक्षण में लड़की होने पर गर्भपात के दौरान महिला की मौत के मामले में पुलिस ने अब गुलरिहा इलाके के चिकित्सक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. गर्भपात के दौरान हालत बिगड़ने पर भटहट रोड के मलंगस्थान पर एक क्लिनिक में गर्भवती महिला का पांच दिन तक इलाज चला और बाद में डॉक्टर ने मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था. जहां को मौत हो गई. गर्भवती महिला की मौत के मामले में सास की तहरीर पर गुलरिहा पुलिस ने चिकित्सक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.
भटहट रोड के मलंगस्थान के पास डॉ. चंद्रमोहन सिंह की केएम फार्मा के नाम से क्लिनिक है. जंगल डुमरी नम्बर फैलहवा घाट निवासिनी सोनकली पत्नी गौरीशंकर ने गुलरिहा पुलिस को लिखित तहरीर देकर आरोप लगाया कि मेरी बहू सुनीता पत्नी गुड्डू पांच माह की गर्भवती थी. लिंग जांच करवाने के लिए वह एम फार्मा क्लिनिक पर गई थी. डॉ.चंद्रमोहन सिंह ने लिंग जांच कर बताया कि गर्भ में लड़की है. सुनीता ने लड़की होने की जानकारी के बाद गर्भपात कराने की इच्छा जताई. डॉक्टर ने उसे गर्भपात की दवा दे दिया.
पहले से हैं दो बेटियां, बेटे की चाहत में गंवाई जान
सुनीता देवी की पहले से दो बेटियां हैं. बड़ी बेटी साढ़े चार साल की है जबकि दूसरी तीन साल की है. दो बेटियां पैदा होने के बाद वह अब बेटी नहीं चाहती थी इसलिए उसने बहकावे में आकर लिंग जांच कराई. डॉक्टर ने बताया कि इस बार भी बेटी पैदा होगी इसके बाद तो सुनीता पर गर्भपात का दबाव बढ़ गया था. समय ज्यादा होने की वजह से गर्भपात कराना किसी खतरे से कम नहीं था उसके बाद भी डॉक्टर ने गर्भपात की दवा दे दी और महिला की जान चली गई.
लिंग जांच में भी है तीन साल की जेल
जिसे गर्भधारण प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम 1994 कहते हैं. अधिनियम के तहत गर्भ में लिंग जांच दंडनीय अपराध है. कोई भी व्यक्ति जो गर्भ में लिंग जांच या चयन के लिए इन तकनीकों की सहायता लेता है. इस कानून में दण्डित हो सकता है. लिंग जांच में 3 साल तक की जेल और 10 हजार तक का जुर्माना हो सकता है.