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उत्तर प्रदेश
7 वर्ष बाद जिंदा मिली महिला, पूर्व पति बोला- खुद गायब हुई थी आरती
Triveni
15 Dec 2022 1:11 PM GMT

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फाइल फोटो
राजस्थान के दौसा जिले के बालाजी थाना क्षेत्र से 7 वर्ष बाद जिंदा मिली आरती को मथुरा पुलिस कोर्ट में पेश करने के लिए ले गई।
जनता से रिश्ता वेबडेसक | राजस्थान के दौसा जिले के बालाजी थाना क्षेत्र से 7 वर्ष बाद जिंदा मिली आरती को मथुरा पुलिस कोर्ट में पेश करने के लिए ले गई। कोर्ट जाने से पहले आरती ने पहले पति पर अकेला छोड़ने का आरोप लगाया, वहीं उसकी हत्या के मामले में जेल में रह चुके पहले पति का आरोप है कि आरती खुद ही उसे छोड़कर चली गई थी। मूल रूप से जालौन के उरई की रहने वाली आरती 2015 में अपने पिता सूरज प्रसाद गुप्ता और मां के साथ वृंदावन आई थी। आरती माता-पिता और भाई के साथ वृंदावन में एक धर्मशाला में रहने लगी। आरती की मानसिक स्थिति सही न होने पर उसके माता पिता इलाज के लिए बालाजी ले गए। जहां उसकी मुलाकात सोनू से हुई।
बालाजी के रहने वाले सोनू से आरती ने बांदीकुई कोर्ट में शादी कर ली। शादी के 3 दिन बाद आरती अचानक गायब हो गई। इससे पहले आरती 5 सितंबर 2015 में वृंदावन से अचानक गायब हो गई थी। जिसके बाद पिता ने वृंदावन कोतवाली में उसकी गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज करा रखी थी। इस मामले में पुलिस जांच कर रही थी कि मार्च 2016 में थाना मगोर्रा क्षेत्र में एक महिला का शव नहर में मिला था। जिसकी जानकारी मिलने पर आरती के पिता मगोर्रा थाना पहुंचे और फोटो देखकर मृत मिली महिला को अपनी बेटी बता दिया। इसके बाद पुलिस ने पिता द्वारा दर्ज कराई एफआईआर में हत्या की धारा बढ़ाते हुए आधार पर सोनू और उसके दोस्त गोपाल को गिरफ्तार कर लिया।
बालाजी के रहने वाले आरती के पूर्व पति सोनू और उसका दोस्त गोपाल को पुलिस ने मथुरा कोर्ट में पेश किया जहां से दोनों को जेल भेज दिया। डेढ़ वर्ष तक जेल में रहने के बाद दोनों की जमानत हो गई। जमानत मिलने के बाद सोनू और गोपाल ने आरती की तलाश की और उसे नवंबर 2022 में तलाश कर लिया। बुधवार को वृंदावन कोतवाली पहुंचे सोनू और गोपाल ने बताया कि उन्होंने आरती की हत्या नहीं की थी इसलिए विश्वास था की वह मरी नहीं है। इसीलिए आरती की तलाश कर रहे थे। सोनू ने बताया कि वह आरती की तलाश के लिए कभी सब्जी वाला तो कभी ऊंट गाड़ी चलाने वाला बनकर बालाजी के आसपास के गांव में तलाशते थे। इसके बाद जब पता चला की आरती विशाला गांव में है तो फिर इंद्रा आवास दिलाने के बहाने कागज लिए और खुलासा हो गया। वृंदावन कोतवाली पहुंचे सोनू ने बताया कि शादी के 3 दिन बाद जयपुर घूमने जाने के लिए बस स्टैंड पहुंचे। इसी दौरान वह पानी पीने के लिए गया और जब वापस आया तो आरती नहीं मिली।
सोनू ने बताया कि आरती खुद गायब हुई थी। वहीं सोनू द्वारा लगाए गए आरोपों को नकारते हुए आरती ने बताया कि सोनू ने ही उसे हिंडौन जाने वाली बस में बैठाया था। जिंदा मिली आरती की फर्जी हत्या के मामले में जेल जा चुके सोनू और गोपाल ने बताया कि 2016 में जब वृंदावन पुलिस उनको गिरफ्तार करके लाई तो पुलिस ने बहुत टॉर्चर किया। सोनू के नाखून प्लास से उखाड़े गए। धमकी दी गई कि अगर हत्या करने की बात नहीं कबूली तो एनकाउंटर कर देंगे। पुलिस के टॉर्चर से घबरा कर दोनों ने हत्या करना कबूल कर लिया था। सोनू और गोपाल ने बताया कि उनको उस वारदात की सजा मिली जो उन्होंने की ही नहीं थी। इस मामले की सीबीआई जांच हो और उन पुलिस कर्मियों को सजा मिले जिन्होंने सही जांच न कर निर्दोष को जेल भेज दिया।
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