उत्तर प्रदेश

प्रसव के लिये भटकती रही महिला डाक्टर, पांच नर्सिंगहोम भी नहीं बचा पाए

Admin Delhi 1
24 Dec 2022 9:31 AM GMT
प्रसव के लिये भटकती रही महिला डाक्टर, पांच नर्सिंगहोम भी नहीं बचा पाए
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मेरठ न्यूज़: लाख क्रांतिधरा को मेडिकल हब कहा जाता हो लेकिन हकीकत में यहां दर्द भी वेइंतहा हैं। चंद पैसों के लिये इंसान की कीमत चंद डाक्टरों के लिये कुछ भी नहीं है। संविदा पर तैनात एक सरकारी महिला डाक्टर प्रसव के लिये एक-दो नहीं पांच नर्सिंगहोमों में भटकती रही लेकिन उसे अपने पेट में पल रहे बच्चे का चेहरा तक देखना तो दूर खुद की जिंदगी बचानी भारी पड़ गई।

जी हां गंगा नगर निवासी 28 वर्षीया महिला डाक्टर स्वाति शर्मा की शुक्रवार को गढ़ रोड स्थित एक नर्सिंगहोम में दर्दनाक मौत हो गई, इसके साथ उसकी कोख में पल रही बच्ची ने भी दुनिया में आते ही दम तोड़ दिया। इस मौत ने भले ही इन नर्सिंगहोमों में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञों की सेहत पर भले फर्क न डाला हो लेकिन दुनिया को अलविदा कह चुकी स्वाति के पति राहुल शर्मा की जिदंगी में जो रिक्तता आई है उसे कौन भरेगा।

गंगानगर निवासी डा. स्वाति शर्मा पत्नी डा. राहुल शर्मा कंकरखेड़ा के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनात थी। फिलहाल वो मातृत्व अवकाश पर चल रही थी। इनके पति कसेरु बक्सर में डाक्टर तैनात है। डा. राहुल ने बताया कि एक साल पहले बेटी की मौत हुई थी। स्वाति को डेंगू हुआ था। गुरुवार की रात उसे प्रसव पीड़ा हुई तो मोहनपुरी में एक महिला चिकित्सक के पास ले गए। वहां डाक्टर ने हाथ खड़े कर दिये तो साकेत स्थित एक नर्सिंगहोम लेकर गए।

वहां डाक्टरों ने कहा कि प्लेटलेटस काफी कम है इसलिये आपरेशन नहीं कर सकते हैं। यहां से पत्नी को लेकर गढ़ रोड स्थित एक नर्सिंगहोम ले गए। इस बीच डाक्टर ने जंबो पैक खरीदने को कहा तो उसे खरीद कर नर्सिंगहोम में दे दिया। पूरी रात पत्नी स्वाति डाक्टरों की निगरानी में रही। आरोप है कि नर्सिंगहोम में स्वाति को जंबो पैक नहीं लगाया गया। हालत बिगड़ने पर पास में स्थित एक नर्सिंगहोम में तैनात महिला डाक्टर ने आश्वासन दिया कि उसके यहां भर्ती करा दो नार्मल डिलीवरी करा देंगे।

परेशान पति किसी तरह से पत्नी को डिस्चार्ज कराकर पड़ोस के नर्सिंगहोम में लाया। कथित महिला डाक्टर ने कोशिश की लेकिन बाद में उसने भी हाथ खड़े कर दिये। पति राहुल ने बताया कि आखिरकार हार थक कर पत्नी को पांचवे नर्सिंगहोम ले गए जहां इलाज के दौरान जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई। राहुल अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है।

उसका कहना है कि अगर पत्नी को बीती रात जंबो पैक लग जाता तो उसकी प्लेटलेटस बढ़ जाती और आपरेशन के जरिये डिलीवरी हो जाती। पत्नी का अंतिम संस्कार करने के बाद शून्य की ओर निहार रहे राहुल ने बस यही कहा कि पूरे हेल्थ सिस्टम पर लगे दाग ने मेरी जिंदगी से खुशियां छीन ली। पैसा कमाने के लिये इंसानियत और मानवीयता को ताक पर रख दिया गया।

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