उत्तर प्रदेश

इटावा में हॉस्पिटल में महिला की मौत, सील

Shantanu Roy
14 July 2022 6:09 PM GMT
इटावा में हॉस्पिटल में महिला की मौत, सील
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बड़ी खबर

इटावा। इटावा में स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी से प्राइवेट अस्पताल में एक और महिला की मौत होगयी। एक सप्ताह के बाद दिन के लापरवाही से तीसरी मौत होने का मामला सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग अस्पताल को सील करने की कार्रवाई की है।

निजी अस्पताल में लापरवाही से महिला की मौत
जिले में गुरुवार को औरैया के फफूंद के सुकन्दी के पुरवा के रहने वाले राजमिस्त्री धीरज कुमार ने अपनी पत्नी सुनीता देवी(22) को 20 दिन पहले औरैया के सरकारी हॉस्पीटल में नार्मल डिलीवरी हुई थी। और उसने पुत्री को जन्म दिया था। लेकिन तीन दिन पहले अचानक पत्नी को पेट में दर्द व बुखार आने से तबियत बिगड़ गई। इस पर वह 3 दिन पहले इटावा जिला अस्पताल पहुंचा। जहां एक आशा के कहने पर पत्नी को उक्त हॉस्पीटल में भर्ती करा दिया।
डॉक्टरों ने सैफई ले जाने की दी थी राय
पति का आरोप है कि अस्पताल स्टॉफ ने पत्नी के शरीर में खून कम होने की बात कही। इस पर अस्पताल की सलाह पर खून की व्यवस्था करवाकर बुधवार शाम को पत्नी को खून चढ़वाया गया। इस दौरान पत्नी की हालत बिल्कुल सही थी। लेकिन गुरुवार की सुबह अचानक डॉक्टरों ने पत्नी की हालत बिगड़ने की बात कहते हुए तुरंत सैफई ले जाने की बोलने लगे। जब तक हम लोग उसे कहीं ले जाते इसी बीच पत्नी की मौत हो गई। वह लोग अस्पताल स्टॉफ से कुछ कह पाते या पूछते अस्पताल स्टॉफ उनसे अभद्रता करने लगा और मृत पत्नी के शव को अस्पताल के बाहर डाल दिया। इसका विरोध किया तो परिजनों से अभद्रता व मारपीट पर उतारु हो गए। यहीं नहीं पत्थरबाजी भी की गई। जिस पर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। मृतक महिला के परिजनों को हावी होता देख अस्पताल संचालक स्टॉफ समेत पीछे के रास्ते से मौका पाकर अस्पताल से भाग निकले।
मरीज से तीन लाख वसूले गए
डिप्टी सीएमओ डॉ अवधेश कुमार नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम प्राइवेट अस्पताल पर पहुंची। डिप्टी सीएमओ ने महिला मरीज के तीमारदारों से घटना के बारे में पूछताछ की। इस पर मृतक महिला के भाई पीएसी कानपुर में तैनात रनवीर सिंह ने आरोप लगाया कि उसकी बहन सुनीता देवी के इलाज के नाम पर अस्पताल स्टॉफ ने उनसे तीन लाख रुपए लिए हैं। और इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की है जिस वजह से उनकी बहन की मौत हुई है। वहीं अस्पताल के डा मोहित सिंह का कहना है कि उनके द्वारा बराबर इलाज किया गया। मरीज की पेट में सेफ्टिक व किडनी फेल होने के साथ हिमोग्लोबिन भी काफी कम था। जिसके चलते बुधवार शाम ही तीमारदारों को महिला को हॉयर सेंटर ले जाने को बोल दिया गया था।
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