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रैपिड रेल के आने से सड़क से हट जाएंगे एक लाख धुएं वाले वाहन
मेरठ न्यूज़: रैपिड रेल आपको सिर्फ आपके गंतव्य तक ही नहीं पहुंचाएगी बल्कि आपको स्वच्छ वातावरण देने के साथ साथ एनसीआर में आए दिन लगने वाले लम्बे जाम से छुटकारा भी दिलाएगी। यदि एनसीआरटीसी अधिकारियों के आंकड़ों पर विश्वास करें तो रैपिड का जब पहला कॉरिडोर (दिल्ली-मेरठ वाया गाजियाबद) शुरू होगा तब सड़कों पर से एक लाख से अधिक र्इंधन वाले वाहन हट जाएंगे और ढाई लाख टन से अधिक कार्बन डाई आॅक्साइड के उत्सर्जन में कमी भी आएगी। रैपिड नौकरी पेशा लोगों से लेकर व्यापारियों एवं छात्रों तक के लिए बेहद खास होने वाली है। दरअसल, जब रैपिड का कंसेप्ट आया था तो उसके पीछे मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के पर्यावरण संकट को आधार माना गया था। सरकार भी इससे चिंतित थी। इसी आधार को मद्देनजर रखते हुए आरआरटीएस, भारत सरकार एवं चार राज्यों (उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा एवं राजस्थान) की सरकारों द्वारा यहां भीड़ को कम करने एवं बढ़ रहे प्रदूषण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से ही रैपिड पर कार्ययोजना तैयार की गई थी।
एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार जब रैपिड के पहला कॉरिडोर शुरु होगा तो सड़कों से एक लाख से अधिक वाहन स्वत: ही हट जाएंगे क्योंकि इन एक लाख से अधिक वाहनों की भीड़ रैपिड में स्थानांतरित हो जाएगी। एक लाख से अधिक वाहन जब एक साथ सड़कों से हटेंगे तो वायू प्रदूषण के ग्राफ में खासी कमी आएगी। रैपिड परियोजना की शुरुआत से ही पर्यावरण संबधी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए एनसीआरटीसी निर्माण के लिए प्री कास्ट सेगमेंट का उपयोग भी कर रही है ताकि रैपिड प्रोजेक्ट के निर्माण काल में भी प्रदूषण की समस्या से दोचार न होना पड़े। गौरतलब है कि प्री कास्टिंग व्यवस्था बेहतर गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चत करते हुए विभिन्न कार्यों के निष्पादन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस व्यवस्था से वायू एवं ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आती है। कुल मिलाकर रैपिड जहां लोगों के लिए समय की बचत करेगी वहीं उनकी सेहत भी सुधारेगी।