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नोएडा: नोएडा में बने ई-वाहन चार्जिंग मशीन अब सिर्फ दिखावटी साबित हो रही हैं. कई जगह यह कबाड़ बनकर रह गई हैं. अब कुछ चार्जिंग मशीन चल रहीं थीं, उनके तार भी चोर काटकर ले गए हैं. इससे बिजली की गाड़ी चलाने वालों की दिक्कत बढ़ गई है. गाड़ी चार्जिंग के लिए दूर जाना पड़ रहा है. सहायक संभागीय परिवहन विभाग में 17500 से अधिक ई-वाहन पंजीकृत हैं.
इलेक्ट्रीकल वाहनों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र से लेकर यूपी सरकार लोगों को जागरूक करने से लेकर सब्सिडी तक दे रही है. नोएडा में वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. पेट्रोल-डीजल के वाहनों से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड पर्यावरण को ज्यादा नुकसान पहुंचा रही है. ई-कार इस तरह के प्रदूषण को रोकने में कारगर है. प्रति ई-कार से प्रतिवर्ष 4.04 टन कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जन की बचत होने का अनुमान है. औसत के हिसाब से इलेक्ट्रिक वाहन बेहतर है.
प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया, एक घंटे की चार्जिंग में कार में लगा संयंत्र 80 प्रतिशत चार्ज हो जाएगा. इससे 100 किलोमीटर की दूरी तय की जा सकती है. यानी फुल चार्जिंग पर यह वाहन 120 किमी तक जा सकेंगे. 80 प्रतिशत की चार्जिंग में कुल 14 यूनिट खर्च होगी. इस हिसाब देखा जाए तो पेट्रोल व डीजल से चलने वाले वाहनों के मुकाबले ई-कार बहुत कम खर्चीली व फायदेमंद है.
गौरतलब है कि करीब तीन साल पहले नोएडा में 54 स्थानों पर 162 चार्जिंग मशीन लगाए जाने के लिए कंपनी ने प्राधिकरण और यूपीपीसीएल के साथ मिलकर सर्वे किया था. सर्वे के तहत नोएडा के मेट्रो पार्किंग, हाईराइज सोसाइटी के बेसमेंट और शहर के प्रमुख बाजारों में, हाईवे पर इन स्टेशनों को लगाया जाना था. करीब दो साल पहले नोएडा प्राधिकरण की ओर से कनवर्जन्स एनर्जी एफीशिएंसी सर्विस लिमिटेड से ई-चार्जिंग मशीन लगाने का करार किया गया था. इसके तहत यह मशीनें लगाई गई थीं. कनवर्जन्स एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड के मुताबिक शहर में 54 स्थानों पर 69 ई-चार्जिंग मशीन लगाई गई थीं. इनमें से 30 शुरू हो गई थीं जबकि बाकी बिजली कनेक्शन नहीं मिलने के कारण मामला अटका पड़ा था. खास बात यह है कि पिछले एक-डेढ़ साल में लगे चार्जिंग मशीन अब सिर्फ दिखावा साबित हो रही हैं. कई चार्जिंग मशीन पहले ही कबाड़ बन गईं थीं, अब जो ठीक चल रही थीं, उनके भी तार चोर काटकर ले गए हैं.