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उत्तर प्रदेश
MSP गारंटी पर केंद्र को घेरेगा, 31 को चक्का जाम का ऐलान, अग्निपथ' के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा करेगा सभाएं
Admin4
3 July 2022 5:25 PM GMT
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केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों ने फिर से लामबंद होने की तैयारी कर ली है. संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को बताया कि किसान आंदोलन की लंबित मांगों को लेकर से 31 जुलाई को देशभर में चक्का जाम करेंगे.
गाजियाबाद में रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सभी किसान संगठनों 15 राज्यों के लगभग 200 प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए. इसमें कहा गया कि 9 दिसंबर 2021 को मोर्चा उठाने पर सरकार ने किसानों से जो वादे किए थे, उन पर वह पूरी तरह मुकर गई है. सरकार ने न तो एमएसपी को लेकर कमेटी का गठन किया न ही आंदोलन के दौरान किसानों पर लगाए गए झूठे मुकदमे वापस लिए.
देश के हर जिले में 18 से 31 जुलाई तक करेंगे सभाएं
योगेंद्र यादव के मुताबिक सरकार बिजली बिल को संसद में लाने की कोशिश कर रही है लेकिन किसानों की सबसे बड़ी मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी है और सरकार इस मांग पर विचार करने को भी तैयार नहीं है.
उन्होंने बताया कि सरकार के इस वादाखिलाफी के विरोध में 18 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत से 31 जुलाई शहीद उधम सिंह की शहादत दिवस तक देशभर में जिला स्तर पर वादाखिलाफी विरोधी सभा की जाएगी. इसके अलावा 31 जुलाई को सुबह 11:00 से दोपहर 3:00 बजे तक देशभर में मुख्य मार्ग पर चक्का जाम किया जाएगा
अग्निपथ के विरोध में 7-14 अगस्त तक होंगे सम्मेलन
किसान नेता डॉ. दर्शन पाल के मुताबिक बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि अग्निपथ योजना के विरुद्ध किसान संगठन बेरोजगार युवाओं और पूर्व सैनिकों को लामबंद करेगा, क्योंकि यह योजना राष्ट्र विरोधी और युवा विरोधी होने के साथ-साथ किसान-विरोधी भी है.
अग्निपथ योजना का पर्दाफाश करने के लिए 7 अगस्त से 14 अगस्त के बीच देशभर में जय-जवान जय-किसान सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिसमें पूर्व सैनिकों और बेरोजगार युवाओं को बुलाया जाएगा.
टेनी के विरोधों में 18-20 अगस्त तक लखीमपुर में जुटेंगे किसान
लखीमपुर खीरी हत्याकांड के 10 महीने बाद भी अजय मिश्रा टेनी का केंद्रीय मंत्रिमंडल में बने रहना देश की कानून व्यवस्था के साथ एक भद्दा मजाक है.
इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाने के लिए आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा लखीमपुर खीरी में 18-19-20 अगस्त को 75 घंटे का मोर्चा आयोजित करेगा, जिसमें देश भर से किसान नेता और कार्यकर्ता भाग लेंगे.
सीतलवाड़-जुबैर की गिरफ्तारी लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन
किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां के मुताबिक संयुक्त किसान मोर्चा के इलाहाबाद में किसान नेता आशीष मित्तल को झूठे मामलों में फंसाने, बंगाल के फरक्का में अडाणी के हाई-वोल्टेज तार का विरोध कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज, छत्तीसगढ़ में विरोध कर रहे किसानों के दमन का विरोध करता है.
उन्होंने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़, आरबी श्रीकुमार और मोहम्मद ज़ुबैर जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की गिरफ्तारी देश में लोकतांत्रिक अधिकारों पर बढ़ते दमन का संकेत है.
मोर्चा से अलग हुए 16 संगठन फिर से शामिल
किसान नेता युद्धवीर सिंह के मुताबिक सभा में देश के 15 राज्यों से लगभग 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. पंजाब चुनाव के मुद्दे पर संयुक्त किसान मोर्चा से अलग किए गए 16 संगठनों को रविवार को मोर्चे में फिर से शामिल कर लिया गया.
इसके अलावा बैठक में चंद्रशेखर कोडीहल्ली के नेतृत्व वाली कर्नाटक राज्य रैय्यत संघ को संयुक्त किसान मोर्चा से निष्कासित करने का भी निर्णय लिया गया
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