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लखनऊ: जांच अधिकारी अब सालों-साल जांच रिपोर्ट नहीं लटका सकेंगे. चार्जशीट जारी होने के बाद तय समय में उन्हें जांच प्रक्रिया पूरी करते हुए रिपोर्ट देनी होगी. इसके लिए समूह ‘ख’ स्तर के सभी अधिकारियों को अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण दिया जाएगा. उच्च स्तर पर सहमति के बाद कार्मिक विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर रहा है.
अनिवार्य रूप से दिया जाएगा प्रशिक्षण कार्मिक विभाग समूह ‘ख’ स्तर के सभी अधिकारियों को अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण देगा. इसमें खासकर जांच संबंधी जानकारियां दी जाएंगी. उसमें बताया जाएगा कि कैसे तय समय के अंदर जांच की प्रक्रिया को पूरी करते हुए रिपोर्ट देनी है. इसमें यह भी बताया जाएगा कि जांच का मतलब केवल दोष सिद्ध करना नहीं है. इसमें यह भी देखना होगा कि कहीं जानबूझ कर तो कर्मी को नहीं फंसाया गया है.
नई अकादमी में दिया जाएगा प्रशिक्षण कार्मिक विभाग सुल्तानपुर रोड स्थित सीजी सिटी में राज्य प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी का निर्माण करा रहा है. ऐसे विभाग जिनके पास अपने प्रशिक्षण संस्थान नहीं है उनके लिए यहां पर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी. ऐसे विभाग जिनके पास अपने प्रशिक्षण संस्थान नहीं है उनके लिए फाउंडेशन इंडक्शन प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया जाएगा. इसके आधार पर विभागीय अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. शासन का मानना है कि इससे तय समय में जांच प्रक्रिया पूरी करने में आसानी होगी.
उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली के आधार पर अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ संस्तुति करते हुए जांच कराई जाती है. जांच अधिकारी को आरोपितों को नोटिस देकर अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय देने की व्यवस्था है. इसके बाद भी लापरवाही बरती जाती है.