उत्तर प्रदेश

जयंत मुज़फ़्फ़रनगर से चुनाव लड़े तो उनकी ज़मानत ज़ब्त करा दूँगा-विक्रम सैनी

Admin4
5 Nov 2022 12:59 PM GMT
जयंत मुज़फ़्फ़रनगर से चुनाव लड़े तो उनकी ज़मानत ज़ब्त करा दूँगा-विक्रम सैनी
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मुजफ्फरनगर। खतौली क्षेत्र से भाजपा विधायक विक्रम सैनी ने राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी पर हमला बोलते हुए कहा है कि जयंत चौधरी मुज़फ्फरनगर से चुनाव लड़े तो उनकी जमानत जब्त करा दूंगा।
जयंत चौधरी के पत्र के बाद विधायकी समाप्त होने वाले बयान को लेकर विक्रम सैनी बेहद आक्रोशित हैं और इसी कारण अपने बयानों में पिछले तीन दिनों से लगातार जयंत चौधरी को निशाना बना रहे हैं। विधायक विक्रम सैनी ने जयंत चौधरी के द्वारा विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को लिखे गए पत्र पर हमला बोलते हुए कहा कि जयंत चौधरी को कायदे में तो विधानसभा अध्यक्ष को लेटर लिखना नहीं था। जयंत चौधरी ने लेटर लिख कर गलत किया है। उन्होंने कानून के प्रावधान का जिक्र करते हुए कहा कि सदस्यता तो सजा पाते ही चली जाती है । विक्रम सैनी ने स्पष्ट किया कि उन्हें विधानसभा अध्यक्ष से अभी कोई लिखित पत्र नहीं मिला है , यदि कानून में ऐसा कोई प्रावधान होगा, तो उसका वह सम्मान व स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि मेरी विधायकी चली भी जाती है, तो विधायकी जाने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी का सक्रिय सदस्य होने के नाते क्षेत्र की जनता की सेवा करता रहूंगा।
उन्होंने कहा कि मेरी विधानसभा सदस्यता जा सकती है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता आजीवन रहेगी और 4 गुनी शक्ति के साथ काम करता रहूंगा। मैं हमेशा की तरह देशहित और हिंदूहित में काम करूंगा। खतौली विधायक विक्रम सैनी ने बताया कि उन्होंने भी कानून विशेषज्ञों से राय ली है, जिस पर चर्चा चल रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून से बड़ा कोई नहीं। यदि कानून में ऐसा प्रावधान है कि 2 साल की सजा होने पर विधायकी निरस्त की जा सकती है, तो मुझे स्वीकार है।
उन्होंने कहा कि कानून व नियम सभी के लिए बराबर है, चाहे कोई आजम खां हो या विक्रम सैनी हो। ऐसा होता है, तो मैं सिर झुकाकर इसको स्वीकार करूंगा। उन्होंने कहा कि कवाल दंगे में गौरव व सचिन की हत्या कर दी गई थी और बहन-बेटियों के सम्मान में लड़ाई लड़ी थी, इसमें सजा हुई। यह किसी ने फर्जी मुकदमा दर्ज करवा दिया था। यह मुकदमा दर्ज हुआ था, तो न्यायालय ने 2 वर्ष की सजा सुनाई है, जिसमें उन्हें उसी दिन जमानत मिल गई थी। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना भी कानून के तहत ही काम करेंगे। सदस्यता रद्द वह भी नहीं कर सकते है लेकिन कानून के अनुसार यदि 2 साल से अधिक या 2 साल सजा पाए जनप्रतिनिधि की सदस्यता जा सकती है, तो विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना भी नहीं रोक सकते।
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