उत्तर प्रदेश

बरेली में बर्खास्त कर्मचारी को क्यों बैठा रखा, तुरंत हटाइए- नगर आयुक्त

Rani Sahu
30 Aug 2022 5:54 PM GMT
बरेली में बर्खास्त कर्मचारी को क्यों बैठा रखा, तुरंत हटाइए- नगर आयुक्त
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बरेली में बर्खास्त कर्मचारी को क्यों बैठा रखा
बरेली, नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में फैले भ्रष्टाचार का कुछ अंश बाहर आया। कर्मचारी संगठन के जिलाध्यक्ष ने नगर आयुक्त के सामने भ्रष्टाचार की परतें खोलते हुए कहा कि नगर स्वास्थ्य अधिकारी के कक्ष में बर्खास्त कर्मचारी से क्यों काम लिया जा रहा है।
नगर आयुक्त ने तत्काल नगर स्वास्थ्य अधिकारी से व्यवस्था पूछी तो वे कुछ बोल न सके। नगर आयुक्त ने बर्खास्त कर्मचारी को तत्काल हटाने की बात कहते हुए इस प्रकरण को अपर नगर आयुक्त से देखने को कहा है। आंदोलित कर्मचारियों की कई मांगों में से महीने की पहली तारीख को वेतन दिलाने का आश्वासन और महिला कर्मचारियों को सुबह 5 बजे के बजाए शासनादेश के अनुसार तय समय पर बुलाने के निर्देश नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स ने दिए हैं।
दोपहर लगभग 2 बजे सफाई मजदूर संघ के बैनर तले निगम के सफाई कर्मचारियों ने पहले सभा की और फिर नगर आयुक्त को ज्ञापन देने पहुंचे। जिस समय वे पहुंचे उस समय नगर आयुक्त निदेशक स्थानीय निकाय के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में थी। इसलिए अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह और नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अशोक कुमार ज्ञापन लेने कक्ष के बाहर आए। कुछ देर में ही नगर आयुक्त भी वीसी समाप्त करके नीचे आईं तो उन्होंने सफाई कर्मचारियों की बातों को सुना।
कर्मचारियों ने स्वास्थ्य विभाग में हो रहे घपलेबाजी की बात सामने रखी। बर्खास्त कर्मचारी से अधिकारी के कमरे में बैठकर काम लेने की बात कही। यह सुनकर नगर आयुक्त भी चौंकीं। उन्होंने नगर स्वास्थ्य अधिकारी से मामला जानना चाहा लेकिन वे कुछ बता नहीं सके। नगर आयुक्त ने कर्मचारी को हटाने की बात कही है।
उन्होंने यह भी कहा कि नगर निगम में ठेकेदार द्वारा सफाई शहर में नहीं हो रही है। इसे उन्होंने खुद सुबह निकलकर देखा है। नगर निगम के कर्मचारी ही सफाई कर रहे हैं। कर्मचारियों की मांग थी कि महीने की पहली तारीख को उन्हें वेतन मिल जाए। इस मांग को उन्होंने स्वीकार कर लिया है। कर्मचारियों की अधिकांश मांगों को उन्होंने मंजूर कर लिया है। ज्ञापन देने जाने वालों में महानगर अध्यक्ष राजेश कुमार, महामंत्री राजेन्द्र कुमार समदर्शी, सुरेश शिंदे सहित तमाम कर्मचारी भी रहे।

अमृत विचार।

Rani Sahu

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