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उत्तर प्रदेश
एक देश-एक चुनाव पर हमसे ज्यादा खुशी किसे होगी : अखिलेश यादव का अलग स्टैंड
Manish Sahu
1 Sep 2023 2:49 PM GMT
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उत्तरप्रदेश: गठबंधन इंडिया की मुंबई में हुई मीटिंग के दूसरे दिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का अलग स्टैंड दिखा। अखिलेश यादव ने इस दौरान केंद्र सरकार के वन नेशन, वन इलेक्शन वाले मुद्दे पर तंज कसा। अखिलेश यादव ने कहा, 'गठबंधन इंडिया' की बैठक से ध्यान भटकाने के लिए एक राष्ट्र, एक चुनाव का मुद्दा लाया गया है। यहां तक कि जब (भारत गठबंधन की) आखिरी बैठक हुई थी, तब भी उनकी अपनी एक अलग बैठक हुई थी। केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए अखिलेश यादव ने कहा, वन नेशन, वन इलेक्शन लागू होने पर हमसे ज्यादा खुश कौन होगा? केंद्र के इस मुद्दे पर सवाल करते हुए अखिलेश यादव ने पूछा, क्या वे यूपी में ऐसा करेंगे? अगर वे लोकसभा चुनाव के साथ यूपी चुनाव कराते हैं तो इससे बेहतर क्या हो सकता है?
सीएम योगी बोले, वन नेशन वन इलेक्शन आज की आवश्यकता
सीएम योगी आदित्यनाथ ने वन नेशन-वन इलेक्शन पर केंद्र सरकार द्वारा कमेटी गठित किए जाने पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने शुक्रवार को वन-नेशन वन इलेक्शन की प्रक्रिया को एक अभिनव पहल करार देते हुए इसे आज की जरूरत बताया है। सीएम योगी ने कहा है कि इस निर्णय से न सिर्फ विकास की प्रक्रिया गतिमान होगी, बल्कि यह लोकतंत्र की समृद्धि और उसकी स्थिरता को सुनिश्चित करते हुए प्रत्येक नागरिक के जीवन में खुशहाली लाएगा। सीएम योगी ने कहा कि देश में स्थिरता अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। ऐसे ही लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकारों की स्थिरता के साथ-साथ विकास के लिए भी एक गतिमान सरकार चाहिए होती है। इस दृष्टि से वन नेशन-वन इलेक्शन एक अभिनंदनीय प्रयास है। यह जानकर प्रसन्नता है कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए कमेटी बनी है। इस अभिनव पहल के लिए देश की सबसे बड़ी आबादी के राज्य उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ह्दय से आभार व्यक्त करता हूं। वन नेशन वन इलेक्शन आज की आवश्यकता है।
उत्तर प्रदेश जैसे राज्य की दृष्टि से देखें तो यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि बार-बार इलेक्शन विकास के कार्यों में बाधा पैदा करते हैं। इलेक्शन की प्रक्रिया को कम से कम डेढ़ महीने का समय लगता है। यह समय विकास की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने में या नीतिगत निर्णय लेने में बाधा पहुंचाता है। आवश्यक है कि लोकसभा, विधानसभा और अन्य सभी प्रकार के इलेक्शन को एक साथ आयोजित किया जाए। यह बेहतरीन पहल हुई है, न सिर्फ विकास के लिए बल्कि लोकतंत्र की समृद्धि और स्थिरता के लिए जो प्रत्येक नागरिक के जीवन में खुशहाली लाएगा। इसका स्वागत करता हूं।
वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर नड्डा ने पूर्व राष्ट्रपति से की थी मुलाकात
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की है। इस दौरान नड्डा ने कोविंद को वन नेशन, वन इलेक्शन की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए एक समिति का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी है। नड्डा ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविंद के आवास पर उनसे मुलाकात की। हालांकि, बैठक के ब्यौरे का तत्काल पता नहीं चल सका है। कोविंद व्यवहार्यता और तंत्र का पता लगाएंगे कि कैसे देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं।
वन नेशन, वन इलेक्शन पर पहला रिएक्शन सपा का, अखिलेश यादव ने पूछा- यूपी में चुनाव होगा कि नहीं?
2014 में राष्ट्रपति बनने के बाद कोविंद ने जताई थी सहमति
2017 में राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद ने पीएम मोदी के विचारों से सहमति जताई थी और इस विचार के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया था। 2018 में संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था, बार-बार चुनाव होने से न केवल मानव संसाधनों पर भारी बोझ पड़ता है, बल्कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण विकास प्रक्रिया भी बाधित होती है। मोदी की तरह उन्होंने भी सतत बहस का आह्वान किया था और उम्मीद जताई थी कि सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे पर आम सहमति पर पहुंचेंगे।
वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर कमेटी गठित
लोकसभा चुनाव के साथ यूपी विधानसभा चुनाव कराने का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। देश में इन दिनों वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। दरअसल केंद्र सरकार ने शुक्रवार को वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए एक कमेटी गठित की है, जो पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में काम करेगी। इस कमेटी का उद्देश्य केवल देश में एक साथ चुनाव की संभावनाओं का पता लगाना है।
भाजपा के लिए क्यों खास है एक देश एक चुनाव
एक देश, एक चुनाव को लेकर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार चर्चा कर चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 2014 में तो ये भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में भी शामिल था। घोषणा पत्र के मुताबिक वन नेशन, वन पेंशन लागू होने से चुनाव खर्चों में कमी आएगी। साथ ही राज्य सरकारों के लिए स्थिरता सुनिश्चित होगी।
विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होने से फायद
देश में अगर वन नेशन, वन इलेक्शन लागू होता है तो इससे कई फायदे होंगे। एक साथ चुनाव होने से चुनाव में खर्च होने वाली राशि में भारी कटौती होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2019 लोकसभा चुनाव में करीब 60 हजार करोड़ रुपये चुनाव में खर्च हुए थे। इसमें चुनाव लड़ने वाले राजनीतिक दलों का खर्च और केंद्रीय चुनाव आयोग की तरफ से खर्च की गई रकम शामिल है।
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