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उत्तर प्रदेश
पिता की तेरहवीं करते वक्त बेटे को आया फोन कि पिता जिंदा हैं, फिर जो हुआ...
Shantanu Roy
2 Sep 2022 10:24 AM GMT

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बड़ी खबर
शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने अज्ञात शव को अपने पिता समझकर घर ले गया और उनका अंतिम संस्कार कर दिया। जब तेरहवीं करने का समय आया तो इस दौरान पता चला कि उसके पिता जीवित हैं और शाहजहांपुर के मेडिकल कॉलेज में एक महीने से भर्ती होकर अपनी टूटी टांग का इलाज करा रहे हैं। ताजा मामला जिले के थाना चौक कोतवाली इलाके का है। यहां 22 अगस्त को 60 वर्षीय व्यक्ति का अज्ञात शव कोतवाली पुलिस को मिला था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। शाम को ही खीरी जनपद के पसगवां गांव के रहने वाले इंद्र कुमार ने अज्ञात शव की पहचान अपने पिता रनालाल के रूप में की। वह शव को अपने घर ले गया और पिता का शव समझकर अंतिम संस्कार कर दिया।
पिता की तेरहवीं के दिन चचेरे भाई के ही एक मरीज का अस्पताल से फोन आया। जिसमें उसने बताया कि रनालाल यहां अस्पताल में भर्ती हैं और उनका पैर टूटा हुआ है। जब घरवाले अस्पताल पहुंचे तो पिता रना लाल को जिंदा देखकर सभी लोग हैरान हो गए। जिंदा रना लाल को देखने के लिए मरीज मेडिकल कॉलेज में तीमारदारों की भीड़ लग गई। इस दौरान परिजन जीवित पिता को घर ले गए। वहीं, पिता को जीवित देखने के बाद बेटे इंद्र कुमार ने थाना कोतवाली पहुंचकर पुलिस को लिखित में बताया कि उनके पिता एक माह से लापता थे और जो शव मिला था, उसकी दाढ़ी बढ़ी हुई थी और चेहरा भी साफ नहीं था इसलिए पहचानने में गलती हो गई। उनके पिता जीवित हैं। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। वहीं, पुलिस अपनी गलती और लापरवाही को सुधारने में जुटी गई है। जिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया गया है वह कौन था? इसकी पुलिस छानबीन कर रही है।
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