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जहां पेश हुआ था मुजरिम अतीक वहीं लाए गए उसके तीनों मुल्जिम
इलाहाबाद न्यूज़: वक्त बदलते देर नहीं लगती. मुल्जिम से मुजरिम होने तक अदालत में आरोपितों की पेशी चलती रहती है. जिला अदालत परिसर में एक हफ्ते पहले का दृश्य नजर आया, पर किरदार बदले हुए थे. अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के तीनों आरोपियों को अभेद्य सुरक्षा इंतजामों के बीच सीजेएम कोर्ट में पेश कर पुलिस ने कस्टडी रिमांड हासिल किया.
इससे कुछ दिन पहले 13 अप्रैल को तस्वीर बदली हुई थी. तब कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस ने जिला अदालत में ही अतीक, अशरफ की पेशी कराकर रिमांड हासिल किया था. अतीक-अशरफ को 17 अप्रैल तक कस्टडी रिमांड पर भेजा गया था. हालांकि दोनों भाइयों की कोर्ट में वापसी हो नहीं सकी. 15 अप्रैल को अतीक-अशरफ को गोलियों से भून दिया गया. अब मुल्जिम बदल गए थे. इस बार पीड़ित अतीक-अशरफ माने गए और उन्हें मारने वालों को पेशी कराकर पुलिस ने चार दिन का कस्टडी रिमांड लिया.
रास्तों को बैरिकेड लगाकर किया बंद अतीक और अशरफ की हत्या से सबक लेते हुए पुलिस ने अदालत परिसर के बाहर और अंदर सुरक्षा के बहुत ही सख्त इंतजाम किए. पेशी से पहले सीजेएम कोर्ट जाने वाले रास्तों के दोनों तरफ पुलिस ने रस्सी बांध दी. दोनों साइड पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवान मुस्तैद रहे. हत्याकांड के तीनों आरोपित लवलेश तिवारी निवासी बांदा, मोहित उर्फ सनी निवासी हमीरपुर और अरुण मौर्या निवासी कासगंज को प्रतापगढ़ जेल से जिला अदालत प्रयागराज आया गया. तीनों शूटरों को कुछ-कुछ दूरी पर पुलिस घेरा बनाकर कोर्ट में ले गई. शूटरों के चेहरे काले कपड़े से ढके थे. कचहरी परिसर में सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस घेरे में तीनों को दौड़ाते हुए ले गई. पूरे इलाके को ब्लाक कर बैरिकेडिंग कर दी गई थी. वकीलों को भी उस रास्ते पर नहीं जाने दिया गया. करीब 950 बजे अदालत परिसर में पहुंचे आरोपियों को कस्टडी रिमांड मिलने के बाद 1125 बजे कचहरी से पुलिस लाइन ले जाया गया.