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आगरा। उत्तर प्रदेश में आगरा जिले के थाना जगनेर क्षेत्र में पुलिस ने सट्टे के शक में दबिश देकर एक युवक को उसके घर से हिरासत में ले लिया। पति को पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर पत्नी इस कदर डर गई कि उसने जहर खाकर अपनी जान दे दी। इस मामले में पुलिस कमिश्नर डा प्रीतिंदर सिंह ने एक उपनिरीक्षक और तीन सिपाहियों को निलंबित कर दिया है।
पुलिस सूत्राें ने मंगलवार को बताया कि जगनेर थाना क्षेत्र के रहने वाले मनोज के घर पुलिस ने बीती रात दबिश देते हुए आईपीएल सट्टे के शक में उसे पकड़ लिया। इसकी जानकारी जब उसकी पत्नी को हुई तो उसने जहर खाकर अपनी जान दे दी। जगनेर के नौनी निवासी मनोज शर्मा शीतगृह में कर्मचारी हैं। उनकी 38 वर्षीय पत्नी अनीता ने सोमवार की रात सल्फास की गोली खा लीं। स्वजन ने उन्हें धनौली स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया। मंगलवार की सुबह अनीता की मृत्यु हो गई।
मनोज शर्मा के अनुसार सोमवार की शाम करीब पौने आठ बजे उनके पास सरेधी निवासी काकी परमार का फोन आया। उसने कहा कि आइपीएल में सट्टा खेलना है। जिस पर उन्होंने फोन काट दिया। कुछ देर बाद रवि पचौरी निवासी नगला मोहरपाल ने उन्हें फोन किया। रवि पर उनके 20 हजार रुपये बकाया थे। रवि ने रुपये देने के लिए उन्हें गांव के बाहर माता के मंदिर के पास बुलाया। परिचित ने उसे आकर पैसा ले जाने को कहा। मनोज बाइक लेकर जब परिचित से मिलने पहुंचा तो वहां पहले से सादी वर्दी में 3 सिपाही और वर्दीधारी दरोगा दिखाई दिए।
मनोज ने बताया कि चारों पुलिसकर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया और आईपीएल खेलने की बात कही। पीड़ित द्वारा मना करने पर वो लोग उसे जीप में बिठा कर सरेंधी पुलिस चौकी ले गए। वहां उसे दो लाख रुपए लाने को कहा गया और मना करने पर बुरी तरह पीटा गया। पुलिस वाले तीन साल के लिए जेल भेजने की धमकी दे रहे थे।जिसकी सूचना उसकी पत्नी को लगी तो पत्नी ने ज़हर खा लिया जिससे उसकी मौत हो गयी। पत्नी की मौत की जानकारी होने पर पुलिसकर्मियों ने उसे मारपीट कर जबरन सट्टा खेलने की बात कबूल करने का वीडियो बनाया और छोड़ दिया। वहीं इस बात की खबर जब ग्रामीणों को लगी तो उनमें आक्रोश फैल गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण थाने पहुंच गए।
परिजनों का आरोप है कि गांव के ही एक युवक पर मनोज के बीस हजार रुपये बकाया थे। उससे तकादा करने पर साजिश के तहत मनोज को पुलिस से पकड़वाया गया। घटना के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। सूचना मिलते ही मौके पर कई थानों का फोर्स पहुंच गया। पुलिस कमिश्नर प्रीतिंदर सिंह ने दरोगा इजहार अहमद, सिपाही सागर चौधरी, नीरज कुमार और कुलदीप को तत्काल निलंबित कर दिया और उन पर मुकदमा दर्ज कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
आगरा पुलिस के लिए आजकल गृह विपरीत चल रहे है, मध्यप्रदेश के मुरैना निवासी 21 साल के युवक आकाश गुर्जर को पुलिस ने खनन तस्कर बताकर मुठभेड़ में तीन गोली मार दी थी। 48 दिन तक अस्पताल में जिंदगी और मौत से संघर्ष के बाद युवक ने दम तोड़ दिया था। अब छह महीने बाद आगरा जिला कोर्ट ने इस एनकाउंटर को फर्जी बताकर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं। एक मां और वकील के संघर्ष से मामला साक्ष्य के साथ कोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने इसे फर्जी एनकाउंटर माना है, इसके बाद से आकाश गुर्जर को न्याय दिलाने की मांग को लेकर गुर्जर समाज में गुस्सा बढ़ रहा है और वे प्रदर्शन कर रहे है।
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