उत्तर प्रदेश

एलडीए सचिव ने ग्रीन बेल्ट का निरीक्षण किया तो पौधे नहीं मिले

Admin Delhi 1
20 Jan 2023 8:18 AM GMT
एलडीए सचिव ने ग्रीन बेल्ट का निरीक्षण किया तो पौधे नहीं मिले
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लखनऊ न्यूज़: चकगजरिया सिटी (सीजी) में लगे पचास हजार से अधिक पौधे खाद और पानी बगैर सूखकर ठूठ हो गए. हैं. एलडीए उद्यान विभाग के अधिकारियों ने इन्हें लगाने के बाद देखभाल तो दूर जरूरी खाद पानी की व्यवस्था तक नहीं की. एलडीए सचिव पवन गंगवार ने 11 जनवरी को तैयार रिपोर्ट में सभी पौधों के सूखने का उल्लेख कर अफसरों की लापरवाही को उजागर किया है.

लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इस बार सीजी सिटी के ग्रीन बेल्ट में 94000 पौधे लगाए थे. इन्हें लेबर लगाकर पौधे रोपे गए थे. मगर यहां 50,000 से अधिक पौधे बिल्कुल सूख चुके हैं. इस वर्ष यहां एलडीए ने ग्रीन बेल्ट में कुल 94000 पौधे लगाए गए थे. एलडीए सचिव पवन गंगवार ने 11 जनवरी को ग्रीन बेल्ट का निरीक्षण किया तो कोई पेड़-पौधा नहीं मिला. उन्होंने रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि निरीक्षण में सभी पौधे सूखे मिले हैं. पौधों को पानी और खाद नहीं दी गई, जिससे ये सूख गए. मौके पर भी खाद-पानी का कोई इंतजाम नहीं मिला.

नगर निगम का दावा, बारिश में कराया था सर्वे नगर निगम उप निदेशक उद्यान गंगाराम गौतम ने बताया कि चकगंजरिया सिटी में एलडीए ने 94000 पौधे लगाए थे. बारिश के दौरान सितंबर में नगर निगम ने सर्वे कराया था. तब बारिश की वजह से पौधों को पानी मिल रहा था. इसके बाद खाद की व्यवस्था नहीं की गई. ऐसे में सचिव पवन गंगवार ने रिपोर्ट में सभी पौधे सूखने का उल्लेख किया है. गंगाराम गौतम ने कहा कि पौधे लगाने के बाद निराई, सिंचाई जरूरी होती है. इसके अभाव में ही पौधे सूखते हैं.

सहायक उद्यान अधिकारी बोले, सिंचाई-खाद की व्यवस्था नहीं थी सहायक उद्यान अधिकारी कर्ण सिंह ने कहा कि पेड़ पौधों की देखरेख के लिए कोई एजेंसी नहीं थी. सभी पेड़ पौधे नहीं सूखे होंगे. ये पौधे उन्होंने लगवाए थे, ये वन विभाग से मिले थे.

पहले चार करोड़ का टेंडर फिर मुफ्त लगाए गए पौधे: एलडीए के अफसरों ने सीजी सिटी के ग्रीन बेल्ट में पौधरोपण के लिए 4.10 करोड़ का टेंडर कराया था. वीसी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने टेंडर निरस्त कर दिया क्योंकि इंजीनियरों, अधिकारियों ने अधिक एस्टीमेट बनाया था. उपाध्यक्ष ने वन विभाग से मुफ्त में मिले पौधों में 94000 यहां लगाए.

मुफ्त मिले पौधे लगाने पर 25 लाख खर्च कर दिए: वन विभाग ने पौधों को एलडीए को मुफ्त दिया है. वन विभाग ने पौधे नर्सरी में पैदा किए थे. इन पर 5-6 रुपए लागत आती है. करीब पांच लाख से अधिक पौधे तैयार करने पर खर्च हुए. गड्ढे खोदने और रोपने पर 20 लाख से अधिक खर्च हुआ. लगभग 25 लाख का नुकसान हुआ.

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