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शिक्षा मंत्री के बेटे ने पीटा तो कर्मचारी ने खाया जहर
आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (माली) दिनेश कुशवाह ने की दोपहर विषाक्त पदार्थ खाकर खुदकुशी का प्रयास किया. दिनेश उच्च शिक्षा मंत्री एवं आगरा दक्षिण से विधायक योगेंद्र उपाध्याय के यहां तैनात था. उसने अपने सुसाइड नोट में मंत्रीपुत्र पर मारपीट का आरोप लगाया है. अस्पताल में भर्ती कर्मचारी की हालत स्थिर बनी हुई है. ऐहतियातन मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज हो गए हैं, मगर पुलिस ने तहरीर के अभाव में कोई मामला दर्ज नहीं किया है. विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. आशुरानी ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन कर दिया है. इधर, उच्च शिक्षा मंत्री ने घटना को फर्जी और अपने खिलाफ षड़यंत्र बताया है.
नगला पदी निवासी दिनेश कुशवाह को दोपहर करीब डेढ़ विषाक्त पदार्थ खाने पर एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी लाया गया. डॉक्टरों ने इलाज उपरांत दोपहर तीन बजे उसे छुट्टी दे दी. परिजन हालत गंभीर होने का आरोप लगाते हुए उसे संजय प्लेस स्थित जीजी नर्सिंग होम लेकर पहुंचे. नर्सिंग होम से हरीपर्वत थाने मेमो भेजा गया. एसीएम प्रथम रतन वर्मा ने नर्सिंग होम पहुंचकर कर्मचारी के मृत्यु पूर्व बयान (डीडी) दर्ज कर लिए.
यह गोपनीय बयान एसीएम ने सुरक्षित रख लिए हैं. केस दर्ज होने की स्थिति में पुलिस इनका अवलोकन करेगी. डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि इस संबंध में पुलिस के पास कोई तहरीर नहीं आई है. आने की स्थिति में ही जांच शुरु होगी. हालांकि, एसएन मेडिकल कॉलेज में छानबीन पर पुलिस को पता चला कि कर्मचारी ने कॉकरोच भगाने वाली चौक के साथ कुछ नींद की गोलियां पीसकर खाई थीं. बाद में ऊपर से फिनाइल भी पी ली थी.
सोशल मीडिया पर सुसाइड नोट वायरल विवि कर्मचारी दिनेश कुशवाह का लाइन का सुसाइड नोट कुलसचिव को संबोधित है. उसने लिखा है- मुझे दो वर्ष पहले उप कुलसचिव पवन कुमार ने उच्च शिक्षा मंत्री के यहां कार्य हेतु भेजा. मैं नियमित रूप से कार्य कर रहा हूं फिर भी मुझे उच्च शिक्षा मंत्री के पुत्र आलोकिक उपाध्याय जबरन रात आठ बजे तक रोकते हैं. इसकी शिकायत उप कुलसचिव से की तो उन्होंने कहा, मैं कुछ नहीं कर सकता. 2024 को नहीं जाने के कारण मुझे आलोकिक ने जूते से मारा और कहा- विवि में तेरी कोई मदद नहीं करेगा. मैं यह अपमान सहन नहीं कर पा रहा हूं. इसलिए आत्महत्या जैसा कदम उठाने के लिए मजबूर हूं. इसके लिए मंत्री पुत्र आलोकिक जिम्मेदार हैं.
विवि कर्मियों का फूटा गुस्सा, नारेबाजी: इस पूरे मामले की जानकारी तेजी से उस समय फैली जब कर्मचारी दिनेश की पत्नी का 23 सेकंड का वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह सुसाइड नोट का उल्लेख करते हुए मंत्री पुत्र पर आरोपों को दोहरा रही है. यह वीडियो हॉस्पिटल में ही बनाया गया. जीजी नर्सिंग होम पहुंची एक महिला ने इस वीडियो को वायरल किया.
कुछ ही देर में यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ, तो विश्वविद्यालय का माहौल भी गर्मा गया. कर्मचारियों ने तालाबंदी करने के साथ हंगामा किया. नारेबाजी करते हुए कुलपति कार्यालय पर धरने पर बैठ गए. सवाल उठाया कि दो साल से किसके आदेश पर विवि कर्मचारी एक मंत्री के यहां काम कर रहा था. विश्वविद्यालय प्रशासन के आग्रह पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई, तो कुलपति ने भी पूरे मामले की जांच का आदेश देते हुए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी. कर्मचारियों ने घोषणा की है कि उनका विरोध कर्मचारी और उसके परिवार को न्याय मिलने तक जारी रहेगा.