उत्तर प्रदेश

जब एक बड़ा नेता अमरमणि त्रिपाठ जेल गया तो यूपी की सियासत ही बदल गई

Admin Delhi 1
6 Jan 2022 9:46 AM GMT
जब एक बड़ा नेता अमरमणि त्रिपाठ जेल गया तो यूपी की सियासत ही बदल गई
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यूपी की सियासत में दागदार नेताओं की कमी नहीं है। लेकिन एक नेता ने राजनीति से इतर कुछ ऐसा किया कि अर्श से सीधा फर्श पर आ गिरा। यूपी के इस बड़े नेता का नाम था अमरमणि त्रिपाठी। आज बात उस घटना की जिसने सियासत के दांव-पेंच के मजबूत पारखी को सलाखों के पीछे डाल दिया।

बड़े मौसम विज्ञानी: पूर्वांचल में कांग्रेस विधायक हरिशंकर तिवारी के साथ शुरू हुई अमरमणि की राजनीतिक यात्रा सियासत की हर दहलीज तक पहुंची। जिधर सत्ता होती थी उधर ही अमरमणि त्रिपाठी की सभा लग जाती। 90 के दशक का अपराधी अब सियासत में नए झंडे गाड़ रहा था। कभी हाथी की सवारी की तो कभी साइकिल पर सवार हो लिया और तो और इस नेता ने कमल के सहारे भी सत्ता का सुख भोगा।

जब किडनैपिंग केस में देना पड़ा मंत्री पद से इस्तीफा: साल था 2001 और बस्ती जिले के एक बड़े व्यापारी का बेटा किडनैप कर लिया गया। पुलिस की जांच में सामने आया कि अपहरणकर्ताओं ने उस बच्चे को अमरमणि त्रिपाठी के घर पर ही रखा हुआ था। इस अपहरण कांड में भारी किरकिरी के चलते त्रिपाठी को मंत्री पद से इस्तीफा तक देना पड़ गया था।

साल 2003, एक हत्या और सब बदल गया: लखीमपुर खीरी की रहने वाली लेखिका/कवियत्री मधुमिता शुक्ला का उन दिनों काफी नाम था। वीर रस में कविताएं कहने वाली मधुमिता को लगभग सभी जानते थे। लेकिन साल 2003 में 9 मई के अखबार उनकी मौत की खबरों से पट गए। खबर थी कि लखनऊ की पेपरमिल कॉलोनी में रहने वाली मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जांच आगे बढ़ी तो मधुमिता के नौकर देशराज ने बताया कि घटना के दिन अमरमणि के दो आदमी घर आए थे।

सीबीआई की जांच ने किया खुलासा: साल 2003 के इस चर्चित हत्याकांड के वक्त अमरमणि बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। ऐसे में मामला यूपी पुलिस से सीबीआई के पास जाता है और फिर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई तो पता चला कि मधुमिता गर्भवती थी। लेकिन डीएनए रिपोर्ट ने तो जैसे बवंडर ला दिया। डीएनए जांच में बच्चे के पिता की पहचान अमरमणि त्रिपाठी के रूप में हुई।

जब हुई उम्रकैद की सजा: मामले में सीबीआई ने अमरमणि त्रिपाठी के साथ उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी, रोहित चतुर्वेदी समेत दो अन्य के नाम चार्जशीट दाखिल की। इस हत्याकांड में देहरादून कोर्ट ने सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई। बाद में उन्हें गोरखपुर जेल में सजा काटने के लिए भेज दिया गया।

कैसे मिले थे मधुमिता और अमरमणि: मधुमिता शुक्ला, वीर रस में कविताएं कहती थी। वहीं अमरमणि की मां को भी कविताएं सुनने का शौक था। ऐसे में त्रिपाठी की मां ने उन्हें एक बार घर बुलाया और तब से मिलने और घर आने का सिलसिला शुरू हो गया। इसी दौरान अमरमणि, मधुमिता एक दूसरे के करीब आ गए थे और यह बात अमरमणि की पत्नी मधुमणि भी जान चुकी थी। लेकिन इस हत्या के बाद सामने आई जांच में सभी बातों से पर्दा उठ गया।

अमरमणि त्रिपाठी का सियासी सफर: अमरमणि त्रिपाठी महाराजगंज की नौतनवा सीट से विधायक लगातार चार बार विधायक रहे। एक बार भाजपा सरकार में मंत्री थे तो वहीं दूसरी बार बसपा सरकार में मंत्री बन वह मायावती के साथ खड़े दिखे। यहां तक कि 2007 में जेल में रहते हुए भी वह चुनाव जीत गए थे।

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