- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- प्रपत्र जांच के बाद ही...
प्रपत्र जांच के बाद ही गेहूं की रैक बाहर भेज सकेंगे
झाँसी न्यूज़: किसानों से औने पौने दामों पर गेहूं खरीदकर दक्षिण भारत सहित विभिन्न प्रांतों में विक्रय करके मोटा मुनाफा कमाना अब कारोबारियों के लिए आसान नहीं होगा. अब गेहूं की रैक भेजने से पहले व्यापारी को खरीद, बिक्री व मंडी शुल्क और मंडी गेट पास का विवरण प्रशासन उपलब्ध कराना पड़ेगा. जांच में कर चोरी व अन्य गड़बड़ी मिलने पर कड़ी कार्रवाई होगी.
दरअसल, जनपद का गेहूं देश के विभिन्न क्षेत्रों में बहुत पसंद किया जाने लगा है.
निजी कारोबारी रैकों के माध्यम से दक्षिण भारत के विभिन्न प्रांतों सहित महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात में लाखों कुंतल गेहूं हर वर्ष बेचते हैं. अच्छी बिक्री के कारण इसकी मांग बढ़ी और बुआयी का क्षेत्रफल भी बढ़ता चला जा रहा है. बावजूद इसके खेतों में दिनरात पसीना बहाने वाले किसानों की आमदनी में अपेक्षाकृत कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई. कारण, कारोबारी किसान का गेहूं सस्ते दामों पर खरीद रहा है. हालांकि वह इसी गेहूं की बिक्री अच्छी दरों पर करके बैंक खातों में जमा धनराशि को बढ़ाता जा रहा है. इस खरीद बिक्री के दौरान वह बड़े पैमाने पर कर चोरी व अभिलेखीय गड़बड़ी करते हैं. खासकर गेहूं की रैक भेजते समय कारोबारी मंडी शुल्क बचाने का पूरा प्रयास करते हैं. किसानों से सस्ता गेहूं खरीदने और टैक्स चोरी की धरपकड़ के लिए प्रशासन ने गेहूं की रैकों पर अपना ध्यान कें िकर लिया है. अब रैक बाहर भेजे जाने से पहले निजी कारोबारी को सिक्स आर, सिक्स नाइन, मंडी शुल्क व मंडी गेट पास उपलब्ध कराने होंगे.
अधिकारी सिक्स आर व सिक्स नाइन का मिलान करेंगे. इससे गेहूं खरीद व बिक्री का अंतर स्पष्ट हो जाएगा. यही नहीं, मंडी शुल्क और गेट पास का मिलान इन प्रपत्रों से अदा किया जाएगा. इस संबंध में जिलाधिकारी ने बाकायदा विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं. जानकारों के मुताबिक प्रशासन ने यदि इस तरह से जांच करायी तो मंडी के बड़े कारोबारियों की कर चोरी सहित खरीद बिक्री के खेल से पर्दा उठ जाएगा.