उत्तर प्रदेश

हड़प्पा में होती थी गेहूं-बाजरे की खेती

Admin Delhi 1
6 Aug 2023 6:31 AM GMT
हड़प्पा में होती थी गेहूं-बाजरे की खेती
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वाराणसी: डीएवी पीजी कॉलेज के प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग में हुई संगोष्ठी में मुख्य वक्ता सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी दक्षिण कोरिया की असिस्टेंट प्रोफेसर एवं पुरातत्वविद जेनिफर बेट्स ने हड़प्पा के वनस्पति अवशेषों पर विशिष्ट व्याख्यान दिया. उन्होंने पुरातनवादी अवशेषों के आलोक में हड़प्पावासियों के विविध पक्षों को उजागर किया.

उन्होंने हड़प्पावासियों के कई सारे पुरास्थलों के उत्खनन से प्राप्त वनस्पति अवशेषों के आधार पर उनके वनस्पति ज्ञान के बारे में बताया. जिसके आधार पर हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, लोटेश्वर, बाबरकोट, राखीगढ़ी आदि पुरास्थलों के निवासियों द्वारा खाने में इस्तेमाल किये जाने वाले अनाज का उल्लेख किया. उन्होंने बताया कि हड़प्पावासी गेहूं, जौ, बाजरा यहां तक कि चावल की खेती मौसमानुसार करते थे और यही उनके प्रमुख खाद्यान्न भी थे. उन्होंने पीपीटी के जरिये जले हुए अनाज के दानों को प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया. साथ ही उन्होंने बताया कि पुरावनस्पति विज्ञान का इस्तेमाल पुरातत्व में किस प्रकार करते हैं. कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यकारी प्राचार्य प्रो. सत्यगोपाल और स्वागत विभागाध्यक्ष प्रो. प्रशांत कश्यप, संचालन डॉ. मनीषा सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. ओमप्रकाश कुमार ने दिया. इस अवसर पर डॉ. सीमा, डॉ. ज्योति सिंह, डॉ. मिश्री लाल, डॉ. शशिकांत सिंह, डॉ. इंद्रजीत मिश्रा, डॉ. विकास सिंह, डॉ. आरती चौधरी, डॉ. महिमा सिंह, डॉ. संजय सिंह सहित अध्यापक और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे.

संविवि में छात्रों को तुरंत मिलेगी डिग्री

संस्कृत विश्वविद्यालय में से डिजीलॉकर पोर्टल की शुरुआत हो गई. डिजीलॉकर में अभी वर्ष-2015 के शास्त्रत्त्ी पाठ्यक्रम की 22,556 डिग्रियां अपलोड की गई हैं. राज्यपाल एवं कुलाधिपति ने छात्रों को जल्द से जल्द डिजीलॉकर सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे.

कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि डिजीलॉकर की शुरुआत होने से परीक्षा परिणाम जारी होने के दिन ही विद्यार्थियों को उनके अंकपत्र मिल सकेंगे. इससे प्रमाण-पत्र में सुधार बहुत कम समय में हो जाएगा.

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