उत्तर प्रदेश

क्या है उत्तर प्रदेश में नई ट्रासंफर पॉलिसी 2022, जानें किन कर्मचारियों का होगा तबादला, और किन्हें मिलेगा पहला मौका

Renuka Sahu
15 Jun 2022 5:59 AM GMT
What is the new transfer policy 2022 in Uttar Pradesh, know which employees will be transferred, and who will get the first chance
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फाइल फोटो 

उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर की नई तबादला नीति को मंजूरी दे दी गई है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर की नई तबादला नीति (Uttar Pradesh Transfer Policy) को मंजूरी दे दी गई है. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दी गई है. सरकार की नई तबादला नीति का सरकारी कर्मचारियों को लंबे समय से इंतजार था. इस नीति के लागू होने के साथ ही उत्तर प्रदेश के तमाम सरकारी विभागों और अन्य सरकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर (Govt Employees Transfer) किए जा सकेंगे. यह पॉलिसी सिर्फ 2022-23 के लिए ही है और अगले साल फिर से नई नीति जारी की जाएगी, जिसके हिसाब से कर्मचारियों का ट्रांसफर किया जा सकेगा.

अब इस नई नीति के तहत 15 से 30 जून तक तबादले किए जाएंगे. ऐसे में जानते हैं कि आखिर सरकार की नई तबादला नीति क्या है और किस आधार पर कर्मचारियों का ट्रांसफर किया जाएगा और उससे जुड़े क्या नियम होंगे.
किस आधार पर होगा ट्रांसफर?
सरकार की ओर से जारी की गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार, जिन ग्रुप 'क' और 'ख' के अधिकारियों को एक जिले में तीन साल हो गए हैं और एक मंडल में सात हो गए हैं, उनके लिए तबादला की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही समूह 'क' एवं 'ख' के सिर्फ 20 प्रतिशत कर्मचारियों का तबादला किया जाएगा. वहीं, ग्रुप 'ग' एवं 'घ' के 10 फीसदी कर्मचारियों के ट्रांसफर होने हैं. बता दें कि इसमें ग्रुप 'ख' एवं 'ग' के कर्मचारियों का तबादला मेरिट बेस्ड ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम पर भी किया जा सकेगा.
अगर ग्रुप 'ग' की बात करें तो उनके लिए पहले मई में आदेश जारी किए जा चुके हैं. इस पॉलिसी में टाइम के अलावा पुराने नियमों को भी शामिल किया गया है. नई पॉलिसी में ट्रांसफर के लिए 20 फीसदी या 10 फीसदी कर्मचारियों का जो कोटा है, उसके लिए लिस्ट बनाई जाएगी और उससे ज्यादा कर्मचारियों का ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा. इसमें जिले या मंडल में कितने दिन से पोस्टिंग है, उसे ध्यान में रखा जाएगा. बता दें कि प्रदेश में कर्मचारियों को कई वर्ग में बांटा गया है, जिसमें समूह क, समूह ख आदि शामिल है, जिसे कैटेगरी माना जा सकता है.
मेरिट बेस्ड ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम क्या है?
नई पॉलिसी में जिक्र किया गया है कि कुछ ग्रुप के कर्मचारियों का ट्रांसफर मेरिट बेस्ड ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम पर होगा. इस तरह के सिस्टम में लंबे समय से ट्रांसफर के लिए कोशिश कर रहे कर्मचारियों को तरजीह दी जाएगी. इसके बाद उन्हें मेरिट के आधार पर उनकी इच्छा के अनुसार जिले में पोस्टिंग मिल जाएगी. इन कर्मचारियों को पहले अपना पसंदीदा जिला चुनने का ऑप्शन दिया जाता है और मेरिट के आधार पर जिन कर्मचारियों का ट्रांसफर होता है, उन्हें प्राथमिकता मिलती है. यानी पहले इन कर्मचारियों का ट्रांसफर किया जाएगा, उसके बाद अन्य कर्मचारियों का नाम लिस्ट में शामिल किया जाएगा. रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि धांधली और मनमानी पर रोक लगाने के लिए भी इस सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है.
कितने दिनों बाद होंगे ट्रांसफर?
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के चलते तबादला नीति में देरी हुई और इस वजह से 2 साल बाद उत्तर प्रदेश में तबादले हो सकेंगे. कई मीडिया रिपोर्ट्स में अंदाजा लगाया जा रहा है कि नई तबादला नीति के तहत इसी साल करीब 2 लाख कर्मचारियों का रुटीन तबादला हो सकता है और यह 20 फीसदी तक संख्या हो सकती है. इससे पिछले साल कोरोना की वजह से ट्रांसफर नहीं हो पाए थे. गौरतलब है कि प्रदेश में राज्य कर्मचारियों की संख्या करीब 10 लाख है.
आकांक्षी जिलों के लिए अलग व्यवस्था
रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रांसफर पॉलिसी में आकांक्षी जिलों के लिए अलग व्यवस्था की गई है. यूपी में 8 आकांक्षी जिलों में चित्रकूट, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बहराइच, बलरामपुर, चंदौली, सोनभद्र और फतेहपुर शामिल हैं. साथ ही बुंदेलखंड इलाके के लिए भी अलग व्यवस्था है, जिसमें चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झांसी और ललितपुर जिले हैं. बता दें कि केंद्र सरकार ने जनवरी 2018 में देश के 115 अति पिछड़ों जिलों की तरक्की के लिए महत्वाकांक्षी आकांक्षी जिला कार्यक्रम की शुरुआत की थी और जिलों पर खास ध्यान दिया जा रहा है.
दरअसल, होगा क्या कि आकांक्षी जिले और बुंदेलखंड में कोई भी पद खाली नहीं किया जाएगा और जिन जगह से तबादला होगा, वहां उन जगहों को सौ फीसदी दूसरे कर्मचारियों से भरा जाएगा. ऐसे में माना जा रहा है कि जिन लोगों ने इन जिलों में ट्रांसफर के लिए अप्लाई किया है, उन्हें जल्दी ट्रांसफर की उम्मीद है.
ट्रांसफर के साथ ही और फैसले भी लिए गए
कैबिनेट बैठक में तबादला नीति को मंजूरी देने के साथ ही पुलिस के 40 हजार पदों पर भर्ती के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई. इसके अलावा कई और प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई, जिसमें कृषि, शिक्षा, हेल्थ, पर्यटन आदि क्षेत्र भी शामिल है. पुलिस भर्ती में रेडियो शाखा में 2430, कांस्टेबल के 26382, कांस्टेबल पीएसी के 8540, जेल वार्डर के 1582 पद शामिल हैं. इनकी भर्ती प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी.


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