उत्तर प्रदेश

जिस भाई ने इज्जत बचाने के लिए दे दी जान, उसके बिना क्या त्योहार

Tara Tandi
31 Aug 2023 9:03 AM GMT
जिस भाई ने इज्जत बचाने के लिए दे दी जान, उसके बिना क्या त्योहार
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प्रयागराज के खीरी में 10वीं के छात्र सत्यम शर्मा (16) की हत्या में शामिल तीन अन्य आरोपी भी बालिग निकले। पहले उनके नाबालिग होने की बात पुलिस की ओर से बताई गई थी। हालांकि, इसका कोई साक्ष्य नहीं मिल सका। ऐसे में पांचों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। पांचों आरोपियों को एक दिन पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
इसमें तुर्कपुरवा ग्राम प्रधान मो. यूसुफ व उसका भांजा मोनिस भी शामिल है। दोनों नामजद किए गए थे और बाद में दौरान विवेचना तीन अन्य नाम महताब हुसैन निवासी ऊंचगांव, इरशाद व मो. वैस निवासी तुर्कपुरवा के नाम बढ़ाए गए। इनमें इरशाद व मो. वैस भी प्रधान के परिवार के ही हैं।
पकड़े जाने के बाद पुलिस अफसरों ने बताया कि विवेचना से प्रकाश में आए तीनों आरोपी नाबालिग हैं। हालांकि पूछे जाने पर आरोपियों के परिजन इसका कोई प्रमाण नहीं दे पाए।
ऐसे में पांचों को गिरफ्तार कर बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया और फिर कोर्ट की अनुमति से उन्हें जेल भेज दिया गया। डीसीपी यमुनानगर संतोष कुमार मीना ने बताया कि पांचों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
भाई ने इज्जत बचाने को दे दी जान, कैसे मनाएं राखी?
हत्यारों ने तो पूरे परिवार की खुशियां छीन लीं। हर साल आठ राखियां खरीदती थी। तीन सगे और पांच चचेरे भाइयों के लिए। जिस भाई ने मेरी आबरू बचाने को अपनी जान दे दी जब वही नहीं रहा तो अब क्या खुशियां व क्या त्योहार? अब कभी रक्षाबंधन नहीं मनाऊंगी।
मृतक छात्र सत्यम की चचेरी बहन जब यह बातें कह रही थी, उसकी आंखें भर आईं। आसपास मौजूद परिवार की अन्य महिलाओं की भी आंखें नम हो गईं। छात्रा ने कहा कि तीन दिन बाद भी घटना को याद करते हुए वह सिहर जा रही है।
वह मंजर भुलाए नहीं भूलता जब हत्यारे उसके भाई को घेरकर पीट रहे थे। वह ग्राम प्रधान से हाथ जोड़कर उसकी जान बख्श देने की मिन्नत करती रही लेकिन उसका दिल नहीं पसीजा। बताया कि हत्यारों ने उसके लिए रक्षाबंधन का त्योहार ताउम्र के लिए फीका कर दिया।
बेटे को याद कर बिलखती रही मां
उधर मृतक के घर में मातम पसरा रहा। मां श्यामा देवी बेटे को याद कर बिलखती रही। बताया कि उसके पांच बेटों में सत्यम पढ़ रहा था और वह ही परिवार की उम्मीद था। पिता की मौत के बाद जब भी कभी वह उसे चिंता में देखता तो कहता था कि मैं सब संभाल लूंगा।
उधर जिस भाई के साथ खेलकर बड़े हुए, उसी भाई की चिता को मुखाग्नि देने वाला पुरुषोत्तम भी सदमे में दिखाई दिया। वह एकटक शून्य को निहारता रहा। परिवार की मांगों के संबंध में उसने इतना ही कहा कि उम्मीद है कि प्रशासन न्याय करेगा।
प्रधान के अधिकारों पर लगेगी रोक, बनेगी प्रशासनिक समिति
खीरी में छात्र की बेरहमी से हत्या के आरोपी ग्राम प्रधान मो. यूसुफ के अधिकारों पर रोक लगेगी। यही नहीं ग्राम पंचायत के प्रशासनिक कार्यों के संचालन के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। यही कमेटी अब ग्राम पंचायत से जुड़े कार्यों पर निर्णय लेगी। हत्या के मुकदमे में गिरफ्तारी के चलते यह किया जाएगा।
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