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उत्तर प्रदेश
पश्चिमी विक्षोभ ला रहा राहत की फुहार, यूपी में इन दो दिनों में तेज बारिश की संभावना
Renuka Sahu
16 July 2022 1:45 AM GMT
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फाइल फोटो
गर्मी और उमस से उकताए लोगों ने जब शुक्रवार को दिन में आसमान में बादल घिरे देखे तो लगा कि जमकर बरसात होगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गर्मी और उमस से उकताए लोगों ने जब शुक्रवार को दिन में आसमान में बादल घिरे देखे तो लगा कि जमकर बरसात होगी। मगर दिन में एक झटके में बरस कर बादल चले गए। इससे गर्मी से मामूली राहत तो मिली पर उमस ने बेहाल कर दिया। मौसम विभाग बता रहा है कि अभी बरसात के लिए तीन-चार दिन और इंतजार करना पड़ेगा। जुलाई माह भारी वर्षा के लिए जाना जाता है। मगर इस बार आधा जुलाई बीत गया है। छुटपुट बरसात ही हुई है। जुलाई में अब तक 104.6 किमी औसत वर्षा होनी चाहिए थी। पर हुई 20.3 मिलीमीटर है। यह औसत से 81 फीसदी कम है। पिछले माह की 29 जून को मानसून ने दस्तक दे दी थी। इसके बाद लखनऊ से मानसून रुठा है। इस मानसून में अब तक लखनऊ में 194.8 मिलीमीटर औसत वर्षा अनुमानित है। पर हुई अभी 63.4 मिलीमीटर ही है। यह भी सामान्य से 67 फीसदी कम है।
अफगानिस्तान और उत्तरी पाकिस्तान पर बन रहे पश्चिमी विक्षोभ से शहर में 18 से 21 जुलाई तक बारिश की संभावना है। 18 और 19 जुलाई को भारी बारिश भी हो सकती है। गुरुवार रात से शुक्रवार तक 03.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। ज्यादातर बारिश कैंट क्षेत्र में हुई। मौसम का मिजाज धीरे-धीरे बदलने लगा है। माना जा रहा है कि मानसून की टर्फ लाइन ऊपर की ओर आ रही है जिससे सोमवार और मंगलवार को तेज मानसूनी बारिश होने की संभावना बन रही है। इसके लिए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यलो अलर्ट जारी किया है। अगले दो दिन गरज चमक संग छींटे पड़ने की भी संभावना है।
राहत मिलने के आसार
सीएसए के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि उमस भरी गर्मी से जल्द ही राहत मिलने की संभावना है। शनिवार को बदली रहेगी और बूंदाबांदी भी संभव है। रविवार को हल्के बादल छाए रहेंगे। सोमवार को तेजी से बदलाव होगा और तेज बारिश होगी। 19 को भी तेज बारिश संभव है।
बारिश के लिए स्कूल में दुआ
कानपुर के हलीम इंग्लिश स्कूल के बच्चों ने शुक्रवार को बारिश के लिए दुआ की। प्रिंसिपल सबा खान ने दुआ में कहा कि ऐ रब मेरे शहर में रहमत की बारिश करें, हमारी गलतियों को माफ कर दें। बारिश से खेतों को पानी मिले, किसान खुशहाल हों। उधर, जुमे की नमाज में भी ज्यादातर मस्जिदों में बारिश के लिए दुआ की गई।
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