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जनता से रिश्ता वेबडेस्क : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव यूपी की सियासत में बदली हुई रणनीति पर आगे बढ़ रहे हैं। उनकी कवायद भावनात्मक मुद्दों पर मुख्य धारा के साथ बीजेपी को अकेले न दिखने देने की है। लिहाजा देश की आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए 'हर घर तिरंगा' अभियान में वह जोर-शोर से सहभागिता की बात कर रहे हैं तो वहीं यह बताने में भी लगे हैं कि राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान में समाजवादी सबसे आगे हैं।
इसी क्रम में उन्होंने आरएसएस को घेरते हुए कहा कि लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में सबसे बड़ा तिरंगा झंडा समाजवादी पार्टी ने लगाया। आरएसएस ने तो वर्षों तक अपने कार्यालयों और मुख्यालय पर तिरंगा नहीं लगाया।घर-घर तिरंगा यात्रा की चर्चा करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि आरएसएस ने वर्षों तक तिरंगे का सम्मान नहीं किया। अपने कार्यालयों और मुख्यालय पर तिरंगा नहीं लगाया। अखिलेश यादव ने यह बात शुक्रवार को समाजवादी चिंतक जनेश्वर मिश्र की जयंती के मौके पर कही। उन्होंने गोमतीनगर स्थित जनेश्वर मिश्र पार्क में उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
उन्होंने कहा कि लखनऊ में सबसे बड़ा तिरंगा झंडा समाजवादियों ने जनेश्वर मिश्र पार्क में लगाया और राष्ट्रध्वज का सम्मान किया। सपा अध्यक्ष ने कहा कि देश में 22 करोड़ युवाओं ने नौकरी के लिए फार्म भरा था लेकिन नौकरी नहीं मिली। सरकार बताए कि अग्निवीर योजना में कितने नौजवानों को नौकरी दी। सबसे ज्यादा महिला अपराध यूपी में है।
उन्होंने कि मानवाधिकार आयोग ने सबसे ज्यादा नोटिस यूपी सरकार को दी हैं। सबसे ज्यादा डिजीटल फ्राड उत्तर प्रदेश में है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा उपमुख्यमंत्री को बयानबाजी के लिए आगे कर के पिछड़ों के बीच दिखावा करती है जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा ने पिछड़े, दलितों और अल्पसंख्यकों को सबसे ज्यादा धोखा दिया है। वहीं विधान परिषद चुनाव के लिए सपा प्रत्याशी कीर्ति कोल का पर्चा खारिज होने पर अखिलेश यादव ने कहा कि यह हमारे आफिस की गलती रही। इस मामले को गंभीरता से दिखवाया जा रहा है।
source-hindustan
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