उत्तर प्रदेश

वाॅटर ट्रीटमेंट प्लांट सभी गांवों में लगाए जाएंगे

Admin4
29 Sep 2022 10:54 AM GMT
वाॅटर ट्रीटमेंट प्लांट सभी गांवों में लगाए जाएंगे
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लखनऊ । सरकार ने जल जीवन मिशन योजना से प्रत्येक गांव में वाॅटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का निर्णय लिया है। वाॅटर ट्रीटमेंट प्लांट लगने से गांवों में पहुंचने वाला पानी आरओ के पानी से बेहतर, स्वच्छ और लाभदायक होगा। इससे गांवों में होने वाली कई प्रकार की बीमारियों से भी मुक्ति मिलेगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में समीक्षा बैठक में स्पष्ट कहा था कि प्रत्येक घर में पहुंचने वाला पानी तमाम मिनरल्स से भरपूर होना चाहिए। अभी शहर और गांवों में जो जार का पानी पिया जा रहा है, वो खतरनाक है। अभियान चलाकर सरकार लोगों को इसके प्रति जागरूक करेगी। इस योजना के तहत सरकार ने मार्च 2024 तक सभी 2.64 करोड़ घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
गांव में लगेंगे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
इस योजना पर युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। प्रत्येक व्यक्ति तक शुद्ध पीने योग्य पानी पहुंचे, इसके लिए प्रत्येक गांव के बाहर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। इन वाॅटर ट्रीटमेंट प्लांट में नदियों या भूजल से लिए जाने वाले पानी का ट्रीटमेंट होगा। ट्रीटमेंट में इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि पीने योग्य पानी में सभी जरूरी मिनरल्स मौजूद रहें। ट्रीटमेंट के जरिए सिर्फ पानी में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया को खत्म किया जाएगा। यह नेचुरल पानी की तरह होगा जबकि आरओ के पानी में बैक्टीरिया के साथ-साथ मिनरल्स भी खत्म हो जाते हैं। इसके अलावा उन सुदूर क्षेत्रों में जहां आरओ का पानी भी उपलब्ध नहीं है, वहां लोगों को फ्लोराइड युक्त अशुद्ध जल पीने को मजबूर नहीं होना पड़ेगा।
हर व्यक्ति को मिलेगा शुद्ध जल
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा था कि हर व्यक्ति को शुद्ध पेयजल मिले, यह उसका मौलिक अधिकार है। शुद्ध पेयजल की तलाश में शहरों और गांव में लोग जार का पानी पी रहे हैं। तमाम सर्वे में पता लगा है कि जार का पानी शुद्ध नहीं है। यह तमाम रोगों का कारण बन सकता है। इसको लेकर हमें लोगों को अभियान चलाकर जागरूक करना होगा।
बीमारियों से मिलेगी निजात
जल जीवन मिशन के तहत सूखा प्रभावित क्षेत्रों, जल गुणवत्ता प्रभावित गांवों, जल गुणवत्ता प्रभावित गांवों, जापानी इंसेफेलाइटिस, एक्यूट इंसेफेलाइटिस से प्रभावित जिलों को प्राथमिकता पर रखा गया। इससे ग्रामीण इलाकों को दस्त, हैजा, टायफायड, मलेरिया, डेंगू, चमड़ी का कैंसर, दांतों में फ्लोरोसिस, किडनी में स्टोन, पाचन तंत्र संबंधी बीमारियों से निजात मिलेगी।
न्यूज़ क्रेडिट: royalbulletin
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