उत्तर प्रदेश

बांसी नौगढ़ मार्ग पर चढ़ा पानी, पीईटी अभ्यर्थियों की बढ़ी परेशानी, बढ़ रहा जलस्तर

HARRY
16 Oct 2022 8:26 AM GMT
बांसी नौगढ़ मार्ग पर चढ़ा पानी, पीईटी अभ्यर्थियों की बढ़ी परेशानी, बढ़ रहा  जलस्तर
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राप्ती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लोगों को उम्मीद थी कि बारिश बंद होने के बाद बाढ़ से राहत मिलेगी, जबकि बाढ़ का दायरा सिमटने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार सुबह राप्ती नदी का जलस्तर 86.270 मीटर के निशान पर पहुंच गया, जबकि खतरे का निशान 85.900 और बाढ़ के इतिहास के उच्चतम जलस्तर 85.950 मीटर है।

बाढ़ के बढ़ते दायरे ने रविवार को बांसी नौगढ़ मार्ग को अपनी चपेट ले लिया है। नेशनल हाइवे पर पानी चढ़ने के कारण आवागमन प्रभावित हो गया। सड़क पर करीब दो फीट पानी बहने के कारण पीईटी परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। अनहोनी की आशंका है जिससे दूसरे जिले आए अभ्यर्थियों ने जाते समय रास्ता बदल दिया।

राप्ती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लोगों को उम्मीद थी कि बारिश बंद होने के बाद बाढ़ से राहत मिलेगी, जबकि बाढ़ का दायरा सिमटने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार सुबह राप्ती नदी का जलस्तर 86.270 मीटर के निशान पर पहुंच गया, जबकि खतरे का निशान 85.900 और बाढ़ के इतिहास के उच्चतम जलस्तर 85.950 मीटर है। राप्ती नदी तबाही की नई इबारत लिख रही है तो जहां बाढ़ का पानी नहीं चढ़ा था, वहां भी पहुंच रहा।

इसी प्रकार बूढ़ी राप्ती 87.280 मीटर पर बह रही है, जिसका खतरे का निशान 85.650 मीटर पर बना हुआ है। कूड़ा नदी खतरे के निशान 83.520 मीटर की अपेक्षा 83.610 मीटर के निशान पर बह रही है।

जिले में 434 गांव बाढ़ प्रभावित हैं, जिनमें 193 मैरुंड हो गए हैं। घरों में पानी भरने पर पलायन करके बांधों पर शरण लेने वालों को बेसब्री की बाढ़ वापस जाए ताकि वे अपने घरों में फिर से गृहस्थी का इंतजाम करने पहुंच सकें। 41 हजार हेक्टयर से अधिक क्षेत्रफल बाढ़ प्रभावित है, जिसमें 3.26 लाख बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं।

HARRY

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