उत्तर प्रदेश

यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर, एलजी ने किया अलर्ट

Rounak Dey
12 Aug 2022 1:11 PM GMT
यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर, एलजी ने किया अलर्ट
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यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच गया है। नदी का मौजूदा जलस्तर 205.38 मीटर पर पहुंच चुका है।इसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ये जानकारी दी है।

उन्होंने लिखा, 'यमुना के जल ग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के कारण, हथिनी कुंड से छोड़ा गया पानी आज शाम दिल्ली पहुंचने की संभावना है। नदी खतरे के निशान के ऊपर जा सकती है। प्रशासन सुरक्षा की दृष्टि से जरुरी कदम उठा रहा है। मेरी दिल्लीवासियों से अपील है कि यमुना में प्रवेश ना करें और सावधानी बरतें।'
केंद्रीय जल आयोग के पूर्वानुमान के मुताबिक शनिवार सुबह नदी का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर सकता है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, पुराने रेलवे पुल पर सुबह आठ बजे जलस्तर 203.86 मीटर था और बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे यह 204.29 मीटर दर्ज किया गया था। दिल्ली में बाढ़ की चेतावनी तब घोषित की जाती है जब यमुना नगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा एक लाख क्यूसेक को पार कर जाती है। एक अधिकारी ने कहा कि इसी के साथ डूब क्षेत्र और बाढ़ संभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाता है।
बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा बृहस्पतिवार को जारी चेतावनी में सभी सेक्टर अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी रखने और नदी तटबंधों के निकट रहने वाले लोगों को चेतावनी देने के लिए आवश्यक संख्या में त्वरित कार्रवाई बलों की तैनाती जैसे संवेदनशील बिंदुओं पर आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई है। निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने 34 नावों और सचल पंपों को तैनात किया है।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने बृहस्पतिवार को अपराह्न तीन बजे हरियाणा के यमुनानगर जिले के हथिनीकुंड बैराज से करीब 2.21 लाख क्यूसेक और मध्य रात्रि 12 बजे करीब 1.55 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना दी। एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकंड के समतुल्य होता है। आमतौर पर हथिनीकुंड बैराज में प्रवाह दर 352 क्यूसेक होती है, लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद पानी का बहाव बढ़ जाता है। बैराज से छोड़े गए पानी को राजधानी पहुंचने में आमतौर पर दो से तीन दिन लगते हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बुधवार को उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हुई। प्रशासन स्थिति पर कड़ी नज़र रखे हुए है क्योंकि क्षेत्र में और बारिश होने की संभावना है। पिछले साल 30 जुलाई को यमुना खतरे के निशान को पार कर गई थी और पुराने रेलवे पुल का जलस्तर 205.59 मीटर तक पहुंच गया था।
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