उत्तर प्रदेश

जलस्तर 69.77 मीटर, चेतावनी बिंदु से पहले ही स्थिर हुईं गंगा

Admin4
21 Aug 2022 10:24 AM GMT
जलस्तर 69.77 मीटर, चेतावनी बिंदु से पहले ही स्थिर हुईं गंगा
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

वाराणसी से थोड़ी राहतभरी खबर आई है कि गंगा के जलस्तर में ठहराव देखने को मिल रहा है। बताया जा रहा है कि गंगा 69.77 मीटर पर स्थिर हुईं।

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में खतरे के लाल निशान की ओर बढ़ रही गंगा दोपहर में स्थिर हो गई। गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु पहुंचने से पहले ही ठहर गया है। इससे तटवर्ती इलाकों के साथ ही स्थानीय लोगों ने भी राहत की सांस ली है। गंगा का जलस्तर सुबह आठ बजे से 69.77 मीटर पर स्थिर हुआ जो चेतावनी बिंदु से 49 सेंटीमीटर नीचे है। हालांकि दशाश्वमेध घाट पर सड़क और गंगा के बीच दो सीढ़ियों का ही फासला है।

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 69.77 मीटर दर्ज किया। सात दिनों से बढ़ाव के बाद रविवार की सुबह गंगा के जलस्तर में ठहराव आया है। दोपहर 12 बजे तक गंगा के जलस्तर में ठहराव बना हुआ है। प्रयागराज और फाफामऊ में जलस्तर कम होने के कारण वाराणसी में गंगा के जलस्तर में ठहराव आया है।

हालांकि बलिया में गंगा खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। वहीं बनारस में गंगा से सटे निचले इलाकों में पानी नालों के जरिए आगे बढ़ने लगा है। केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि पहाड़ों में बरसात थमने के कारण गंगा के जलस्तर में कमी आई है। बरसात अगर फिर से शुरू हो गई तो जलस्तर में बढ़ाव शुरू होने की आशंका है।

गंगा में बढ़ाव के चलते उसकी सहायक नदी वरुणा में पलट प्रवाह तेज हो गया जिसके कारण तटवर्ती इलाकों में रहने वाले सहमे हुए हैं। निचले इलाके प्रथम तल पर पानी घुसने के कारण आबादी का पलायन शनिवार से शुरू हो गया है और रविवार को भी लोग सुरक्षित स्थान पर जाते रहे। कई परिवार गृहस्थी के सामान सहित मकान के ऊपरी तल पर खुद को सुरक्षित करने की कवायद करते हुए नजर आए। हुकुलगंज, बघवानाला, नक्खीघाट, तालीम नगर, अंसार नगर, मीरा घाट, नई बस्ती, पुलकोहना, शक्कर तालाब, अमरपुर, मड़िया सहित आसपास के निचले इलाकों में रहने वाले लोग प्रभावित हुए हैं।

नक्खी घाट निवासी अनिता देवी, अमित कुमार, सुक्खु, दिलीप, किट्टू सहित दर्जनों लोगों के मकान में बाढ़ का पानी घुस चुका है। सामनेघाट इलाका बाढ़ ग्रस्त रहा है और बढ़ते जलस्तर को देखते हुए वहां की आबादी ने सामानों की पैकिंग करने के साथ ही दूसरे मंजिल पर शिफ्ट हो रहे हैं। एक मंजिला मकान वाले छतों पर परिवार व साजो-सामान को सुरक्षित करने में लगे रहे।

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