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सुपारी देकर तो नहीं कराई संगीता की हत्या, जानिए पूरी खबर
इलाहाबाद न्यूज़: डॉ. दीपेंदु मित्रा (डॉ. डी मित्रा) के फ्लैट में संगीता की हत्या कहीं सुपारी देकर तो नहीं कराई गई? किसी सुपारी किलर ने साजिश के तहत वारदात को अंजाम तो नहीं दिया? आखिर इसके पीछे किसका हाथ है? फ्लैट के अंदर शव मिलने से लेकर हत्या का मुकदमा दर्ज होने तक डॉक्टर पुलिस की जांच में क्यों नहीं सहयोग कर रहा है? इन सवालों का जवाब मिलना अभी बाकी है. पुलिस को यकीन है कि किसी अपने ने ही संगीता की हत्या कराई है. लेकिन पुलिस के पास कोई साक्ष्य नहीं है.
डॉ. डी मित्रा के फ्लैट में संगीता की हत्या की गई थी. वारदात के एक हफ्ते बाद पुलिस को सूचना मिली. बावजूद इसके फ्लैट के मालिक डॉ. डी मित्रा ने पुलिस की जांच में सहयोग नहीं किया. शुरुआत में उन्होंने संगीता को जानने से इनकार कर दिया था. जब उनके खिलाफ संगीता की मां ने हत्या की एफआईआर दर्ज कराई तो पुलिस ने डॉक्टर को बुलाकर पूछताछ की. मुकदमे के बाद भी डॉक्टर ने कुछ नहीं बताया. वहीं उनकी कॉल डिटेल से पता चला कि वह देर रात तक बात करते थे. दो महीने से डॉक्टर ने संगीता को खाने पीने का सामान भी देना बंद कर दिया था. ऐसे में सवाल उठना स्वभाविक है कि संगीता का दुश्मन कौन बन गया. अपार्टमेंट में काम करने वाले कर्मचारियों ने भी किसी संदिग्ध से संगीता की दोस्ती की जानकारी नहीं दी. ऐसे में पुलिस की जांच डॉक्टर दीपेंदु के ईदगिर्द टिकी है. इस बात की जांच भी चल रही है कि कहीं संगीता की हत्या के लिए सुपारी तो नहीं दी गई थी.
सहयोग नहीं मिला तो डॉ. मित्रा जाएंगे जेल:संगीता की हत्या के बाद उसकी मां ने कोतवाली में डॉक्टर दीपेंदु मित्रा के खिलाफ हत्या और एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है. एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज होने के कारण इस हत्या की जांच सीओ कोतवाली को मिली है. सीओ सत्येंद्र तिवारी ने बताया कि आरोपी डॉ. दीपेंदु शुरू से सहयेाग नहीं कर रहे हैं. अभी तक के सभी साक्ष्य उनके खिलाफ हैं. पुलिस की जांच में सहयोग नहीं दिया तो परिस्थितिजनक साक्ष्यों के आधार पर डॉक्टर को पुलिस जेल भेज देगी.