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कैंसर से पीड़ित था अलगाववादी नेता Altaf Shah ,दिल्ली के अस्पताल में निधन
अलगाववादी नेता के रूप में मशहूर रहेअल्ताफ तिहाड़ जेल से अस्पताल ले जाने के कुछ दिनों बाद अल्ताफ अहमद शाह की एम्स में कैंसर से मृत्यु हो गई। सैयद अली शाह गिलानी के हुर्रियत में संवाद के पैरोकार माने जाने वाले 66 वर्षीय वरिष्ठ अलगाववादी नेता अल्ताफ अहमद शाह के परिवार के सदस्यों के अनुसार सोमवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उनका निधन हो गया।
शाह की बेटी रुवा शाह ने एक ट्वीट में कहा, "अब्बू ने एम्स, नई दिल्ली में एक कैदी के रूप में अंतिम सांस ली। " एम्स ने अभी तक मौत के कारणों का खुलासा नहीं किया है। शाह दिवंगत हुर्रियत अध्यक्ष गिलानी के दामाद थे, गिलानी की 2021 में घर में नजरबंद रहने के दौरान मृत्यु हो गई थी।
शाह को गिलानी का करीबी माना जाता था। शाह हुर्रियत के भीतर एक मुखर आवाज थे और कश्मीर मुद्दे पर हितधारकों के साथ बातचीत और जुड़ाव की वकालत करते थे। हुर्रियत के एक प्रवक्ता ने उन्हें "राजनीतिक कैदी" बताते हुए कहा, उनके परिवार, हमारी पार्टी और उनके वकीलों द्वारा उनकी रिहाई के लिए बार-बार गुहार लगाने के बावजूद; उन्हें जेल में रखा गया था।
उनका स्वास्थ्य खराब हो गया, लाइलाज बीमारी मेटास्टेसिस (metastasised) हो गई, चिकित्सा की मांग के बावजूद, हिरासत में रखा गया और सोमवार को उनकी मृत्यु हो गई। शाह की बेटी ने इस साल 1 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था और अपने पिता को रिहा करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की थी। Acute renal cancer डायग्नोस होने के बाद शाह की हालत बिगड़ गई थी। बीमारी उनकी हड्डी सहित उसके शरीर के अन्य हिस्सों में फैल गया था। शाह की बेटी के अनुसार, 2 अक्टूबर से फेफड़े काम नहीं कर रहे थे।
दो दिनों से (राम मनोहर लोहिया) अस्पताल केवल महत्वपूर्ण सहायता प्रदान कर रहा था। इलाज में देरी से नुकसान हुआ। शाह की बेटी सना खान ने एक ट्वीट में कहा, वह एम्स के मुर्दाघर में इंतजार कर रही हैं। पुलिस या मजिस्ट्रेट में से कोई भी नहीं पहुंचा है। बेटी को शव लेने के लिए यहां बुलाया गया था। देरी से स्थिति और खराब होगी। मंगलवार शाम 18.30 बजे जम्मू-कश्मीर के लिए अंतिम उड़ान से तीन घंटे पहले हवाई अड्डे पर भी पहुंचना होगा। गौरतलब है कि विगत 5 अक्टूबर को दिल्ली उच्च न्यायालय ने "उचित उपचार" का आदेश जारी किया था।
इसके बाद शाह को एम्स में भेजा गया था। बता दें कि शाह को 2017 में टेरर फंडिंग से संबंधित एक मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शीर्ष अलगाववादी नेताओं पर हुई बड़ी कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया गया था। शाह, छह अन्य वरिष्ठ अलगाववादी नेताओं के साथ, दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे। हुर्रियत के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी स्वास्थ्य के आधार पर शाह की रिहाई की मांग की थी। गौरतलब है कि विगत 5 मई, 2021 को, 77 वर्षीय तहरीक-ए-हुर्रियत के अध्यक्ष मुहम्मद अशरफ सेहराई की जम्मू में हिरासत में मौत हो गई थी।