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उत्तर प्रदेश
भांखड़ा नदी पर पुल का इंतजार, 20 गांवों की आबादी नाव के सहारे
Harrison
16 Aug 2023 10:14 AM GMT

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उत्तरप्रदेश | मीरगंज तहसील के सिंधौली रोड स्थित नरखेड़ा गांव पर भांखड़ा नदी पर पुल नहीं मिल सका. यहां के लोग लकड़ी के पुल या फिर नाव के सहारे निकलते हैं. पुल के न होने के कारण इन गांवों में विकास की रफ्तार थम गई है. जब चुनाव होते हैं, तो यहां की जनता बैनर लगा देती है, पुल नहीं तो वोट नहीं. ऐसा आज से नहीं वर्षों से यही चला आ रहा है. हर बार जनप्रतिनिधि वादों की घुट्टी पिला देते हैं.
बरेली से करीब 22 किलोमीटर दूर मीरगंज में दिल्ली हाईवे से सिंधौली रोड पर चार किलोमीटर दूर भांखडा नदी के किनारे नरखेड़ा गांव है. वैसे तो नरखेड़ा गांव की दूरी मीरगंज तहसील से करीब पांच किलोमीटर है. मगर, नदी के कारण यहां के लोग मिर्जापुर से धनेटा होकर मीरगंज आते हैं. करीब 20 से 25 किलोमीटर का सफर पूरा करके निकलते हैं. नरखेड़ा ही नहीं आसपास के 15-20 गांव की 50 से 60 हजार की आबादी परेशान होती है. छह महीने लकड़ी का पुल बनाकर निकलते हैं. बारिश में जब नदी उफान पर होती है, तो रस्सी के सहारे नाव से निकलते हैं.
बयोवृद्ध 85 साल के जोखी राम और होरी लाल कहते हैं, जब से होश संभाला है, यहां ऐसा ही देखा है. हर साल मानसून खत्म होने के बाद लोग लकड़ी का पुल बनाते हैं. जब मानसून आता है तो उस पुल को उखाड़ लेते हैं. फिर पांच-छह महीने एक नाव का सहारे लेते हैं. जनता को एक पुल चाहिए. जिससे वह सीधे सिंधौली से मीरगंज पहुंच सके. लेकिन भोली जनता को सफेदपोश सिर्फ आश्वासन देते हैं. कई आंदोलन किए गए. नदी पर धरना दिया गया. अधिकारी आए. पुल की नाप की गई. प्रोजेक्ट बना. बाद में कह दिया गया शासन से मंजूरी नहीं मिली. गांव वालों को सिर्फ निराशा ही मिल रही.
नाव पलटने की हो चुकी हैं कई घटनाएं
अशोक कुमार और होरी लाल कहते हैं, यहां एक स्वास्थ्य केंद्र है. जहां कोई डाक्टर नहीं आता है. सप्ताह-दो सप्ताह में एक चक्कर लगता है. पूरा स्वास्थ्य केंद्र जंगल बन चुका है. कई बार ऐसा हुआ यहां नाव पलट गई. लोगों की बाइक लकड़ी के पुल से गिर गई. 76 साल में कई जानें जा चुकी हैं. या जब नरखेड़ा गांव से सिंधौली मीरगंज सामने दिखता है. नदी पर पुल न होने से मिर्जापुर से धनेटा होकर 20-25 किलोमीटर मीरगंज सिंधौली आना पड़ता है. करीब 60 हजार की आबादी पुल ने होने से परेशान है.
मीरगंज इलाके के ये गांव हैं सुविधाओं से वंचित
नरखेड़ा, बलेही, सुकली, नरेली, बंशीपुर, मढई, रेतीपुरा, बकैलिया, धल्लिया, ठिरिया, आनंदपुर आदि 20-25 गांव के लोग नरखेड़ा के पास भांखड़ा नदी पर लकड़ी के पुल या फिर नाव से निकलने को मजबूर हैं. नदी पर पुल न बनने से इन गांव में विकास की रफ्तार नहीं दौड़ रही. लोग को बच्चे पढ़ाने को कस्बा में जाकर रहते हैं.
भांखड़ा नदी पर रस्सी के सहारे नाव खींच कर ले जाते ग्रामीण
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Harrison
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