उत्तर प्रदेश

गरीबों के लिए लंबा हुआ आशियाने का इंतजार सीतापुर में 13 साल बाद भी अधर में लटका 252 स्लम आवास का काम

Apurva Srivastav
31 May 2022 2:03 PM GMT
गरीबों के लिए लंबा हुआ आशियाने का इंतजार सीतापुर में 13 साल बाद भी अधर में लटका 252 स्लम आवास का काम
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गरीबों के लिए लंबा हुआ आशियाने का इंतजार सीतापुर में 13 साल बाद भी अधर में लटका 252 स्लम आवास का काम

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सीतापुर में सरकारी योजनाओं में लापरवाही का मामला सामने आया है. बिसवां नगर पालिका क्षेत्र के पुरैनी में बने इंटीग्रेटेड हाउसिंग एंड स्लम डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईएचएसडीपी) के तहत 252 आवास आज भी अधर में लटके हुए हैं. साल 2009 से गरीबों के लिए बन रहे आवास (Government House Incomplete) आज भी अधूरे हैं. किस तरह से सरकारें बदलने पर योजनाएं ठप हो जाती है इसका यह ताजा उदाहरण है. बिसवां नगर पालिक क्षेत्र में बन रही स्लम कॉलोनी में सरकारी आवासों में लापरवाही देखने को मिली है.

नगर पालिका क्षेत्र बिसवा के पुरैनी में बने आईएचएसडीपी योजना के अधूरे पड़े 252 आवासों की वजह से गरीबों को उनके सपनों का आशियाना नहीं मिल पा रहा है. लगभग 13 साल पहले तत्कालीन बीएसपी सरकार में इन आवासों का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. तत्कालीन सांसद कैसर जहां के साल 2009 में इसका शिलान्यास भी किया था. लेकिन धीमी गति से चल रहा ये निर्माण कार्य आज भी अधूरा है. सरकारें बदलने के बाद भी गरीब तबके के आवास का इंतजार करने को विवश हैं.
13 साल बाद भी पूरा नहीं हुआ निर्माण कार्य
जब इन आवासों का शिलान्यास किया गया था तो लोगों में एक उम्मीद जगी कि अब घर पाने का सपना पूरा होगा. लेकिन मात्र 14 लोगों को ही अब तक आवास आवंटित किए गए हैं. जबकि 252 आवासों का निर्माण कार्य अभी भी अधूरा पड़ा है. समय से अगर इन आवासों का निर्माण कार्य पूरा हो गया होता तो अब तक आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के कई लोगों को छत नसीब हो जाती. निर्माणाधीन इन आवासों का निर्माण कार्य अधूरा है तो वहीं अधूरे पड़े इन घरों में अराजक तत्वों को शरण मिल रही है
2 वर्ष साल पहले निर्माणाधीन आवासों में चोरी से सरिया काटने के दौरान एक अज्ञात व्यक्ति की गिरने से मौत हो गई थी.इन आवासों के निर्माण कार्य के लिए इंट्रीग्रेटेड हाउसिंग एंड स्लम डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईएचएसडीपी) से बनाये गये आवास निर्माण का जिम्मा यूनिट -53 सीएडडीएस जल निगम हरदोई को दिया गया था. निर्माण के समय तक संस्था के लोग यहां आते जाते रहे लेकिन बाद में काम बंद कर दिया गया.
कॉलोनी में सीवर लाइन और बिजली का काम आज भी अधूरा
इस मामलें में ईओ नगर पालिका बिसवां डॉक्टर देवेंद्र श्रीवास्तव का कहना है आईएचइसडीपी से बनी कॉलोनी अभी तक नगर पालिका प्रशासन को हैंड ओवर नहीं की गई है. यह योजना किसी कारणवश सरकार ने बंद कर दी थी. यही वजह है कि संस्था ने आगे का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया. जिन लोगों ने आवेदन किया उनको आवास आवंटित कर दिया गया है. कॉलोनी में सीवर लाइन और बिजली का काम अधूरा है. इस वजह से बहुत से लोग कॉलोनी में रहने के इच्छुक नहीं है.
सरकार बदलने पर पूर्व सरकार द्वारा किए गये निर्माण कार्यों पर रोक लगाना सरकारों के लिये कोई नई बात नही हैं.राजनीतिक दल और उनके नेता अक्सर जनता से आवास, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, रोजगार आदि को बेहतर बनाने के वादे तो करते रहते हैं लेकिन उनको अमलीजामा कब और कैसे पहनाना है कुछ पता नहीं.


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