- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- जिला अस्पताल में...
नोएडा: सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल में मरीजों को प्लेटलेट्स और अन्य अवयवों के लिए अभी इंतजार करना होगा. अस्पताल प्रशासन ने मुख्यालय से मशीने मांगी हैं. हालांकि मशीनें अभी तक नहीं मिली हैं. डेंगू के सीजन में मरीजों को प्लेटलेट्स की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है.
नए जिला अस्पताल में 400 यूनिट रक्त एकत्रित करने की क्षमता युक्त ब्लड बैंक, आईसीयू, एनआईसीयू समेत अन्य सुविधाएं शुरू हुई हैं. अस्पताल में रक्त उपलब्ध है, लेकिन उसके अवयव मरीजों को नहीं मिलते हैं. इसकी वजह अस्पताल में रक्त से अवयव को अलग करने की मशीनें नहीं हैं. ऐसे में जरूरत पड़ने पर मरीजों को पूरा रक्त चढ़ाना पड़ता है अथवा उन्हें अवयव की व्यवस्था रोटरी के चैरिटेबल ब्लड बैंक या निजी अस्पतालों से करनी पड़ती है. यहां पर इनका शुल्क कई बार मरीजों के लिए चुकाना संभव नहीं होता है. अस्पताल के पैथोलॉजिस्ट डॉ. एचएम लवानिया ने कहा कि मुख्यालय को रक्त के अवयव की मशीन के लिए पत्र लिखा गया है. मशीनें मिलने के बाद लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा.
दो घंटे जांच और रिपोर्ट के लिए लाइन में लगे
सेक्टर 39 स्थित जिला अस्पताल में करीब दो घंटे तक जांच और रिपोर्ट के लिए मरीज परेशान रहे. सर्वर ठप होने के कारण दिक्कत रही. बड़ी संख्या में रोगी लाइन में लगे परेशान रहे.
अस्पताल में रक्त की जांच के लिए पहुंचे रोगी रिषभ ने कहा कि सुबह 9.30 बजे से लाइन में लगे हैं और 11 बज गए हैं. अभी तक जांच के लिए बार कोड नहीं मिला है. कर्मचारियों का कहना है कि सर्वर काम नहीं कर रहा है. इस कारण बार कोड नहीं बन रहा है.
थैलेसीमिया मरीजों के लिए आरबीसी जरूरी
पैथोलॉजिस्ट डॉ.एचएम लवानिया ने कहा कि ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर मशीन और सेंट्री फ्यूज मशीन मुख्यालय से मांगी गई है. ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर मशीन से रक्त के अवयव अलग कर दिए जाते हैं. रक्त के अवयव में थैलेसीमिया के मरीजों के लिए जरूरी लाल रक्त कणिकाएं (आरबीसी) मिलती हैं. अवयव की सुविधा शुरू होने पर आरबीसी अलग करके थैलेसीमिया के मरीजों को चढ़ाना आसान होगा.