उत्तर प्रदेश

प्रयागराज की फूलपुर सीट पर छठे चरण में मतदान होगा

Admindelhi1
15 April 2024 8:32 AM GMT
प्रयागराज की फूलपुर सीट पर छठे चरण में मतदान होगा
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परिसीमन के बाद हर चुनाव में पार्टी बदल रहे फूलपुर के वोटर

इलाहाबाद: इस ऐतिहासिक सीट पर चुनाव के लिए प्रमुख दलों ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है लेकिन तैयारी सभी ने शुरू कर दी है. इस सीट पर प्रत्याशी को लेकर राजनीतिक दल बड़े सजग हैं क्योंकि इसके चुनाव परिणाम चौंकाने वाले रहे हैं. यहां दिग्गज प्रत्याशियों को भी पराजय का सामना करना पड़ा है. खासकर परिसीमन के बाद तो फूलपुर लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं का रुझान लगातार बदल रहा है.

फूलपुर लोकसभा सीट से बार जीतकर पंडित जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री बने. इस सीट के परिणामों पर नजर दौड़ाएं तो 1980 के चुनाव में हेमवती नंदन बहुगुणा की पत्नी कमला बहुगुणा की पराजय सबसे अधिक चौंकाने वाली थी. 1977 में कांग्रेस विरोधी लहर में कमला बहुगुणा भारतीय लोकदल से विजयी हुई. 1980 में कांग्रेस की लहर थी. इसके बाद भी कमला कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हार गईं. 2004 में यह सीट सपा ने जीती थी. 2005 में परिसीमन के बाद फूलपुर लोकसभा क्षेत्र का भूगोल बदला तो चुनाव के परिणाम तेजी से बदलने लगे. परिसीमन के बाद शहर के इलाहाबाद उत्तरी और पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र फूलपुर का हिस्सा बन गए. बदले भूगोल में 2009 के लोकसभा चुनाव में कपिलमुनि करवरिया ने पहली बार यहां बसपा का परचम लहराया जबकि इसी सीट से बसपा के जनक कांशीराम 1996 में सपा के जंग बहादुर पटेल से पराजित हो गए थे. 2014 के आम चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य ने फूलपुर में भारतीय जनता पार्टी की जीत का खाता खोला. केशव प्रसाद मौर्य 2017 में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बने तो 2018 में फूलपुर सीट पर उप चुनाव हुआ. इस उप चुनाव में समाजवादी पार्टी के नागेंद्र सिंह पटेल को जीत मिली. 2004 में सपा के अतीक अहमद से पराजित होने वाली केशरी देवी पटेल ने 2019 के चुनाव में भाजपा को दूसरी जीत दिलाई.

फूलपुर लोकसभा सीट पर दलों का प्रदर्शन:

पार्टी जीत

कांग्रेस 07

सपा 05

जनता दल 02

भाजपा 02

बसपा 01

बीएलडी 01

जनता पार्टी (सेक्युलर) 01

संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी 01

फूलपुर में 17 आम और

उप चुनाव हुए हैं.

फूलपुर सीट पर चुनाव के रोचक तथ्य

सर्वाधिक मतदान

1984 : 61.03%

सबसे कम मतदान

1957 : 38.62%

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