उत्तर प्रदेश

साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र के मतदाता लोकसभा चुनाव में वोट डालने में फिसड्डी साबित

Admindelhi1
10 April 2024 8:57 AM GMT
साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र के मतदाता लोकसभा चुनाव में वोट डालने में फिसड्डी साबित
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वर्ष 2014 के चुनाव में 52.33 फीसदी और 2019 में केवल 49.57 फीसदी मतदान रहा

गाजियाबाद: जिले में साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र के मतदाता लोकसभा चुनाव में वोट डालने में फिसड्डी साबित हो रहे. वर्ष 2014 के चुनाव में 52.33 फीसदी और 2019 में केवल 49.57 फीसदी मतदान रहा. मुरादनगर और धौलाना विधानसभा क्षेत्र में जमकर मतदान हुआ. इस बार साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र के मतदान को लेकर अटकलें चल रहीं हैं.

गाजियाबाद लोकसभा सीट लोनी, साहिबाबाद, गाजियाबाद, मुरादनगर और धौलाना विधानसभा से मिलकर बनी है. इस लोकसभा में कुल 29,02,2 मतदाता हैं. साहिबाबाद विधानसभा सीट पर कुल 10,33, 4 मतदाता हैं. वोटरों की संख्या के मामले में यह प्रदेश की सबसे बड़ी विधानसभा सीट है. इसके बावजूद साहिबाबाद विधानसभा मतदान के मामले में हमेशा पिछड़ती रही है.

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 52.33 फीसदी और साल 2019 के चुनाव में केवल 49.57 फीसदी मतदान रहा. यानी की लोग वोट डालने घरों से नहीं निकले.

लोनी विधानसभा क्षेत्र में कुल 5,17,604 मतदाता हैं. वर्ष 2014 में 56.19 फीसदी और 2019 में 57.77 फीसदी मतदान हुआ. लोनी में भी उम्मीद से कम वोट पड़ते रहे हैं. गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र में 4, 69,542 मतदाता हैं. गाजियाबाद सीट पर वर्ष 2014 में 54.08 फीसदी और 2019 के चुनाव में 53. फीसदी मतदान हुआ. मुरादनगर और धौलाना क्षेत्र के लोग वोट डालने में दिलचस्पी रख रहे हैं. दोनों विधानसभा क्षेत्रों के लोग सुबह से ही लाइन में लग जाते हैं. मुरादनगर में मतदाता 4, 60341 हैं.

2014 के चुनाव में मुरादनगर में 61.93 फीसदी वोट पड़े थे. हालांकि वर्ष 2019 के चुनाव में मतदान प्रतिशत 60.74 रहा. धौलाना विधानसभा में 4,21,4 मतदाता हैं. धौलाना में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 65.84 और वर्ष 2019 क चुनाव में 65.81 फीसदी मतदान हुआ. इस तरह मुरादनगर और धौलाना विधानसभा क्षेत्र के लोग चुनाव में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. यही कारण है कि लोकसभा चुनाव में दोनों विधानसभा चुनाव का मत प्रतिशत बेहतर रहा.

2014 में वोटिंग

2019 में वोटिंग

52.33

49.57

54.08

53.

65.84

65.81

नोट आंकड़े प्रतिशत में हैं और चुनाव आयोग के अनुसार हैं.

मतदान का प्रतिशत बढ़ाने पर जोर

प्रशासन का हर चुनाव में मत प्रतिशत बढ़ाने पर जोर रहा है. इसके लिए विभिन्न कार्यक्रम कराए जाते हैं. कॉलेजों में कार्यक्रम कराकर युवाओं से मतदान करने की अपील की जाती है. इसके अलावा विभिन्न संगठन की तरफ से भी मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के कार्यक्रम कराए जाते हैं. इसके बावजूद मत प्रतिशत नहीं बढ़ रहा. मतदान के दिन लोग घरों से नहीं निकलते.

मतदाता सूची में त्रुटियां होने से परेशानी

मतदाता सूची में त्रुटियां होने से भी लोग वोट डालने से वंचित रह जाते हैं. लोगों को मतदान केंद्र पर जाकर पता चलता है कि उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है. वोटर लिस्ट में नाम ठीक नहीं है. इस कारण बड़ी संख्या में लोग वोट डालने से वंचित रह जाते हैं. इससे मत प्रतिशत कम हो जाता है.

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