उत्तर प्रदेश

कानपुर के मतदाता दिग्गजों को कई बार अर्श से फर्श पर लाते रहे हैं

Admindelhi1
2 April 2024 6:23 AM GMT
कानपुर के मतदाता दिग्गजों को कई बार अर्श से फर्श पर लाते रहे हैं
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वोटर दिग्गजों को अर्श से फर्श तक लाने में भी संकोच नहीं करते

कानपूर: पहली ही बार में संसद पहुंचाने वाले कानपुर के वोटर दिग्गजों को अर्श से फर्श तक लाने में भी संकोच नहीं करते हैं. एक, दो नहीं बल्कि चार बार वर्तमान सांसदों को कानपुर के मतदाताओं ने न सिर्फ हार का स्वाद चखाया बल्कि उन्हें मुख्य लड़ाई तक में शामिल नहीं होने दिया. सबसे चौंकाने वाला मामला 1977 और 1980 के लोकसभा चुनाव में हुआ. जब चार बार के सांसद एसएम बनर्जी को डेढ़ फीसदी मतदाताओं ने भी अपना कीमती वोट नहीं दिया तो 70 फीसदी वोट पाकर जीतने वाले मनोहर लाल अगले चुनाव में 12 फीसदी वोट भी नहीं पा सके.

5वें चुनाव में चार बार के सांसद को मिले सिर्फ 1.33 फीसदी वोट : कानपुर नगर लोकसभा सीट से 1957, 1962, 1967 व 1971 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी एसएम बनर्जी ने लगातार जीत दर्ज की. 1957 में 9.39 फीसदी, 1962 में . फीसदी, 1967 में 2.71 फीसदी और 1971 के चुनाव में 36.51 फीसदी वोट के अंतर से संसद पहुंचने वाले एसएम बनर्जी लगातार पांचवीं बार 1977 के चुनाव में भी मैदान में उतरे. मगर, इस बार कानपुर के मतदाताओं ने उन्हें सिरे से नकार दिया. जीत तो दूर एसएम बनर्जी को निर्दलीय प्रत्याशी भगवती प्रसाद दीक्षित से भी कम वोट मिले. इससे चुनाव में जनता पार्टी के प्रत्याशी मनोहर लाल ने जीत दर्ज की थी. दूसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी नरेश चंद्र चतुर्वेदी रहे थे. एसएम बनर्जी चौथे स्थान पर थे, जिन्हें सिर्फ 1.33 फीसदी वोट 5035 मिले थे.

रिकार्ड मत पाकर जीते मनोहर लाल अगले चुनाव में रहे चौथे पर: कानपुर नगर लोकसभा सीट से 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के मनोहर लाल ने रिकार्ड मत पाकर जीत दर्ज की थी. मनोहर लाल को 70.96 फीसदी मत मिले थे, जो कानपुर नगर के लिए अब तक इतिहास है. 1980 में हुए अगले चुनाव में एक बार फिर मनोहर लाल मैदान में उतरे. इस बार वह जनता पार्टी (एस) से प्रत्याशी थे. रिकार्ड मत देकर जिताने वाले कानपुर के मतदाताओं ने इस चुनाव में उन्हें सिरे से नकार दिया. मनोहर लाल को सिर्फ 11.93 फीसदी वोट मिले, जो एक निर्दलीय प्रत्याशी भगवती प्रसाद दीक्षित को मिले 14.41 फीसदी वोट से भी कम थे. मनोहर लाल चौथे स्थान पर रहे. इस चुनाव में कांग्रेस के आरिफ मोहम्मद खान जीते थे.

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