उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हिंसा : अब तक 300 से अधिक आरोपी गिरफ्तार

Rani Sahu
12 Jun 2022 9:18 AM GMT
उत्तर प्रदेश में हिंसा : अब तक 300 से अधिक आरोपी गिरफ्तार
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उत्तर प्रदेश पुलिस ने आठ जिलों में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा और पार्टी की दिल्ली इकाई से निष्कासित मीडिया प्रभारी नवीन जिंदल की टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 13 प्राथमिकियां दर्ज करते हुए 300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है

लखनऊ, उत्तर प्रदेश पुलिस ने आठ जिलों में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा और पार्टी की दिल्ली इकाई से निष्कासित मीडिया प्रभारी नवीन जिंदल की टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 13 प्राथमिकियां दर्ज करते हुए 300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।

रविवार को यहां जारी एक बयान में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया, 'राज्य के आठ जिलों से 304 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इस संबंध में नौ जिलों में 13 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं।"
जिलेवार ब्यौरा देते हुए कुमार ने बताया, 'प्रयागराज में 91, सहारनपुर में 71, हाथरस में 51,अंबेडकर नगर और मुरादाबाद में 34-34, फिरोजाबाद में 15, अलीगढ़ में छह और जालौन में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।'
कुमार ने जिलों में दर्ज प्राथमिकियों का ब्यौरा देते हुए कहा कि प्रयागराज और सहारनपुर में तीन-तीन प्राथमिकियां तथा फिरोजाबाद, अलीगढ़, हाथरस, मुरादाबाद, अंबेडकरनगर, खीरी और जालौन में एक-एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और 304 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर जिले में तीन जून को हुई हिंसा और इसके बाद विभिन्न जिलों में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा का संज्ञान लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखी जाए और कार्रवाई ऐसी हो जो असामाजिक सोच रखने वाले सभी तत्वों के लिए एक नजीर बने और माहौल बिगाड़ने के बारे में कोई सोच भी न सके।
योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और शीर्ष पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कानून-व्यवस्था की समीक्षा की और उनसे कहा कि वे शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ 'कतई बर्दाश्त नहीं करने' की नीति के साथ पेश आएं और एक भी निर्दोष को छेड़ें नहीं और कोई दोषी छोड़े नहीं।
उन्होंने कहा कि विगत दिनों कानपुर, प्रयागराज, सहारनपुर, मुरादाबाद, हाथरस, फिरोजाबाद, अंबेडकर नगर आदि जिलों में असामाजिक तत्वों द्वारा शांति एवं सौहार्द के माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया गया। उनका कहना था कि इससे पहले तीन जून को कानपुर में भी ऐसी ही कोशिश की गई थी और तब भी सतर्कता के निर्देश दिए गए थे, जिससे प्रदेश के ज्यादातर जिलों में शांति बनी हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शांति व्यवस्था चिर स्थायी रहे, इसके लिए सतर्क सावधान रहना होगा।
हिंसा करने वालों को परोक्ष चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा, ''उपद्रवी याद रखें, हर शुक्रवार के बाद एक शनिवार जरूर आता है…।'' कुमार ने अपने ट्वीट के साथ एक इमारत की तोड़फोड़ करते हुए बुलडोजर की तस्वीर भी साझा की।
सहारनपुर में शुक्रवार को हुई हिंसा के दो आरोपियों के मकानों को पुलिस ने शनिवार को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। सहारनपुर से मिली खबर के अनुसार, पुलिस प्रशासन ने हंगामा करने वाले दो अभियुक्तों को चिन्हित कर उनकी अवैध सम्पति पर बुलडोजर चलाया।
सहारनपुर के पुलिस अधीक्षक (नगर) राजेश कुमार ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि सीसीटीवी फुटेज में उपद्रव मचाने वाले दो मुख्य अभियुक्तों मुजम्मिल निवासी राहत कॉलोनी 62 फुटा रोड और अब्दुल वाकिर निवासी खता खेड़ी के मकानों पर नगर निगम की टीम के साथ मिलकर बुलडोजर चलाया गया और उनके अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया।
प्रयागराज और सहारनपुर समेत राज्य के कई जिलों में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित नेता नुपुर शर्मा की कथित विवादास्पद टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद लोगों ने नारेबाजी की थी और पथराव किया था।
लखनऊ में उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सहारनपुर, मुरादाबाद, रामपुर और लखनऊ जिलों से नमाज के बाद नारेबाजी की सूचना मिली थी। उन्होंने कहा कि सहारनपुर, मुरादाबाद और रामपुर में जुमे की नमाज के बाद लोगों ने सड़कों पर नारेबाजी की थी। पुलिस के मुताबिक लखनऊ के चौक इलाके में स्थित टीले वाली वाली मस्जिद के अंदर भी कुछ देर के लिए नारेबाजी हुई थी।
बीते तीन जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी क्योंकि दो समुदायों के सदस्यों ने एक टीवी बहस के दौरान शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित रूप से ''विवादित'' टिप्पणी करने के विरोध में दुकानों को बंद कराने का प्रयास किया था और इस दौरान ईंट-पत्थर फेंके गये थे।


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