उत्तर प्रदेश

बिजली इंजीनियर-नेताओं की विजिलेंस जांच शुरू, ‘व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहे बिजली अभियंता’

Harrison
14 Aug 2023 6:38 AM GMT
बिजली इंजीनियर-नेताओं की विजिलेंस जांच शुरू, ‘व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहे बिजली अभियंता’
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उत्तरप्रदेश | उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (बिजिलेंस) ने मध्यांचल विद्युत निगम में कार्यरत जेई, एसडीओ और एक्सईएन की संपत्ति की जांच शुरू कर दी है. इसमें आय से ज्यादा संपत्ति मिलने पर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी. बताया जा रहा है कि जेई, अभियंता संघ के उन पदाधिकारियों की पहले जांच होगी जिनकी हड़ताल में अह्म भूमिका रही. इसमें लेसा में तैनात रहे 20 अभियंता शामिल है.
दरअसल, विभाग को हर साल इंजीनियर और कर्मचारी अपनी प्रॉपर्टी का ब्योरा देते हैं. अब इसका वेरीफिकेशन कराया जाता है. पहले ही विभाग के 9 इंजीनियर इस मामले में फंसे हैं. हालांकि दो साल से ज्यादा होने के बाद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. बताया जा रहा है कि वह अपने रसूख का इस्तेमाल कर फाइल दबा चुके हैं. आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच के कारण इंजीनियरों के प्रमोशन पर भी रोक लगाई गई थी. वहीं इनकम टैक्स विभाग इस मामले में बिजली विभाग की मदद करेगा. कम समय में ज्यादा संपत्ति बनाने वालों पर विभाग की खास नजर है.
‘व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहे बिजली अभियंता’
बिजली कनेक्शन न मिलने से नाराज व्यापारियों ने अभियंताओं पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. प्रतिनिधिमंडल ने तालकटोरा में सर्किल-तीन के अधीक्षण अभियंता योगेन्द्र सिंह से मुलाकात की. व्यापार मंडल प्रवक्ता अजय यादव ने बताया कि न्यू हैदरगंज निवासी उजमा खान ने निवेश मित्र पोर्टल पर औद्योगिक कनेक्शन को आवेदन किया. पर कर्मचारी ने निरीक्षण नहीं किया तो कनेक्शन नहीं मिला. आलमनगर रोड की अनुराधा राठौर ने 26 जुलाई को कॉमर्शियल कनेक्शन के लिए किया. कैलाश सर्राफ ने 24 जुलाई को आवेदन किया पर काम नहीं हुआ. अधीक्षण अभियंता ने पूरे प्रकरण की जांच कराने का आश्वासन दिया.
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