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तैयार भव्य बिल्डिंग सिस्टम की उपेक्षा की शिकार, किठौर आईटीआई को भी फैकल्टी की दरकार
किठौर: प्रदेश के मुखिया दूसरे सूबों में भले ही यूपी मॉडल की मिसाल देते हों मगर दावे सच्चाई से कोसों दूर है। यहां हर विभाग स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। करोड़ों की लागत से तैयार सरकारी इमारतें वर्षों से सफेद हाथी बनी अपनी उपेक्षा पर आंसू बहा रही हैं। किठौर का आईटीआई भी उन्हीं का नमूना है। छह वर्ष पूर्व तैयार इस संस्थान को फैकल्टी की दरकार है जो आजतक मयस्सर नही हुई। प्रांगण में खड़ी घास, गंदगी और दीवारों से टूटकर गिरता सीमेंट सिस्टम की लापरवाही की तस्दीक कर रहा है।
सपा सरकार में केबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर के प्रस्ताव पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने मल्टी सेक्टोरल डेवलपमेंट प्लान के तहत किठौर विधानसभा में खरखौदा और किठौर में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान निर्माण को मंजूरी किए थे। 2013-14 में स्वीकृत के बाद किठौर में 12 मार्च 2015 को आईटीआई का शिलान्यास हुआ और 2016-17 में 4200 वर्गमीटर भूमि पर 937.00 लाख रुपए की लागत से भव्य बिल्डिंग तैयार हो गई। जिसके बाद यह बिल्डिग व्यावसायिक शिक्षा विभाग को हस्तानांतरित कर दी गई।
लेकिन हैरत कि वर्षों पूर्व हस्तानांतरित होने के बावजूद विभाग ने संचालित करना तो दूर इसकी देखरेख की भी जहमत नही उठाई। स्थिति यह है कि पांच टेड्स के लिए बने इस विशाल संस्थान के प्रांगण में घास और गंदगी पसरी हुई है। कमरों में लगे जाले, दीवारों से टूटकर गिरता सीमेंट विभाग की लापारवाही उजागर कर रहा है। खास बात यह है कि संस्थान में देखरेख के नाम पर तैनात दो नेपाली चैकीदारों की पगार का बोझ भी कार्यदायी संस्था का ठेकेदार वहन कर रहा है।
बोले-शाहिद मंजूर:
किठौर विधायक शाहिद मंजूर का कहना है कि युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा के से जोड़ने के लिए दो आईटीआई बनवाए थे। कई बार अधिकारियों से बात की
लेकिन कोई नतीजा नही निकला। किठौर में आईटीआई में कूड़े का ढेर देख लगता है कि सरकार इसे चलाने के बजाए खत्म करने में लगी है। शिक्षा, स्वास्थ्य और इंफ्रास्टेक्चर को बढ़ावा देना सरकार के एजेंडे में ही नही है।
किठौर आईटीआई के टेड्स: किठौर आईटीआई पांच टेड्स टर्नर, फिटर, मशीनिस्ट, वेल्डिंग और कारपेंटिंग हैं। इसमें पांच वर्क्सशॉप, आधा दर्जन से अधिक एकेडमिक क्लास रूम, प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल आॅफिस, आवास, अन्य स्टाफ आवास बनें हुए हैं।
संचालन की मांग पर स्टाफ का रोना: किठौर विधायक शाहिद मंजूर उनके भतीजे आतिर आरिफ मंजूर के अलावा छात्रनेता शानमुहम्मद कई बार विभागीय अधिकारियों से किठौर आईटीआई संचालन की मांग कर चुके हैं। लेकिन हर बार विभाग स्टाफ की कमी का रोना रो देता है। शानमुहम्मद ने बताया कि गत 07 नवंबर को उन्होंने मेरठ पहुंचे राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी को ज्ञापन सौंप किठौर आईटीआई संचालन की मांग की थी।